भोपाल। प्रदेश में कोरोना (Corona) का संक्रमण (Infection) धीरे-धीरे कम होता जा रहा है, लेकिन दूसरी ओर ब्लैक फंगस (Black fungus) का संक्रमण (Infection) तेजी से बढ़ता जा रहा है। पिछले एक हफ्ते में ब्लैक फंगस (Black fungus) के बड़ी संख्या में नए प्रकरण आए हैं। जिससे सरकार की नई परेशान बढ़ गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने फंगस नियंत्रण (Fungus Control) को लेकर विशेषज्ञों से चर्चा की है। साथ ही प्रदेश के भोपाल (Bhopal), इंदौर (Indore), जबलपुर (Jabalpur), रीवा (Rewa) और ग्वालियर (Gwalior) स्थित मेडिकल कॉलेजों (Medical colleges) में ब्लैक फंगस (Black fungus) के उपचार के लिए विशेष वार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि ब्लैक फंगस (Black Fungus) के प्रकरणों की जल्द पहचान के लिए प्रदेश में तत्काल व्यापक स्तर पर अभियान चलाने की आवश्यकता है। प्रत्येक वार्ड और ग्रामस्तर पर ब्लैक फंगस (Black Fungus) के प्रकरणों की तत्काल पहचान के लिए आवश्यक रणनीति विकसित कर एडवाइजरी जारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों और ग्रुप ऑफ़ ऑफिसर के साथ कोविड नियंत्रण व स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ीकरण के लिए भविष्य की कार्य योजनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना के विरुद्ध अभियान जनता के सहयोग से संचालित किया गया। जिले से लेकर ग्राम स्तर तक आपदा प्रबंधन समूहों और अन्य माध्यमों से जनता के सहयोग से लड़ी गई कोविड के विरुद्ध लड़ाई में सफलता मिली है और प्रदेश में संक्रमण नियंत्रित हुआ है। इस दिशा में लम्बी लड़ाई बाकी है। राज्य सरकार हर स्तर पर अपनी रणनीति में सुधार के लिए सुझाव और चर्चा को आवश्यक मानती है। उन्होंने कहा कि अब ब्लैक फंगस को लेकर भी लोगों को जागरूक करना होगा। यह नई चुनौती सामने आई है।
अफसरों सुझाव देते हैं, अमल क्यों नहीं करते
गु्रप ऑफ ऑफिसर्स की बैठक में मप्र सरकार के अफसरों ने कोरोना से निपटने के लिए एक से बढ़कर एक बेहतर सुझाव दिए, लेकिन सवाल यह है कि अधिकारी सिर्फ सुझाव तक क्यों सीमित रहते हैं। इन्हें अमल में क्यों नहीं लाते हैं।
प्रशासनिक कार्य में लगे डॉक्टरों से इलाज करवाएं
संभागायुक्त इंदौर पवन शर्मा ने सुझाव दिये कि जिन गतिविधियों में मास्क हटाना आवश्यक है, जैसे रेस्टोरेंट आदि पहले बंद हों। जो डॉक्टर प्रशासनिक या प्रबंधकीय कार्यों में लगे हैं, उन्हें इलाज के कार्यों में लगाया जाए। विदेश में पढ़कर आए लगभग ८ से १० हजार डॉक्टरों के एग्जिट एग्जाम नहीं हुए हैं। इस कारण वे देश में सेवाएँ नहीं दे पा रहे हैं। एग्जिट एग्जाम करवाकर इन डॉक्टरों की सेवाएँ ली जाना चाहिए। संभागायुक्त जबलपुर चंद्रशेखर ने कहा कि कोराना इलाज के लिए संभावित चेक लिस्ट विकसित कर उपलब्ध कराई जा सकती है। बुरहानपुर कलेक्टर प्रवीण सिंह अढायच ने कहा कि टीकाकरण और कोविड एप्रोप्रिएट व्यवहार के लिए ग्राम, नगरीय निकाय स्तर पर प्रतियोगी वातावरण निर्मित किया जाए। इस आधार पर विकास कार्यों के लिए छूट हो।
अनाथ बच्चों के लिए योजना बनाए सरकार
डॉ. वंदना, यूनिसेफ ने कहाकिड्राइव इन वैक्सीनेशन की सुविधा का विस्तार जरूरी है। जिन बच्चों के माता-पिता दोनों का देहांत हो गया है, उन्हें तुरंत सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए महिला बाल विकास विभाग के साथ मिलकर प्रभावी रणनीति बनाई जाये। ट्राइबल माइग्रेंड के टीकाकरण और उनके होम आयसोलेशन के लिए व्यवस्था बनाना भी आवश्यक है। कार्यालय, अस्पताल, रहवासी संघों तथा अन्य भीड़ भरे स्थानों में मास्क व परस्पर दूरी बनाए रखने के लिए विशेष गतिविधियां चलाना जरूरी है। डॉ. राहुल खरेने कहाकि थर्ड वेव को देखते हुए बच्चों की दवाई की व्यवस्था की जाए। होम आयसोलेशन में रह रहे लोगों को ब्लैक फंगस से बचाने के उपाय और इलाज की व्यवस्था करना आवश्यक है।
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