उज्जैन। शहर तथा जिले से अब कोरोना के पैर उखडऩे लगे हैं। पिछले 4 दिनों में पॉजीटिव आ रहे मरीजों के मुकाबले ठीक हो रहे लोगों की संख्या 5 से 6 गुना तक पहुँच गई है। इसी के चलते अब 4 नए केस आने के बाद भी उपचाररत मरीजों की संख्या पूरे जिले में 105 रह गई है। कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत उज्जैन में 7 नवम्बर से हो गई थी। उसके बाद से लेकर अब तक 5 हजार से ज्यादा लोग पूरे जिले में कोरोना की चपेट में आ गए। हालांकि तीसरी लहर पहले की दो लहरों के मुकाबले अधिक घातक नहीं रही। बावजूद इसके जिले में तीसरी लहर में कोरोना से 5 लोगों की जान चली गई। इधर पिछले एक हफ्ते से जिले से कोरोना की रवानगी शुरु हो गई है।
आज 1888 सेम्पलों की जाँच में से मात्र 4 कोरोना पॉजीटिव मरीज ही पूरे जिले में मिले हैं। इनमें तीन मरीज उज्जैन शहर के हैं, जबकि 1 मरीज महिदपुर में पाया गया है। अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 4 रह गई है, जबकि 101 मरीजों का होम आईसोलेशन में उपचार चल रहा है। संक्रमित तथा उपचाररत मरीजों की संख्या में भी पिछले 4 दिनों में और ज्यादा गिरावट नजर आ रही है। आज पॉजीटिव आए 4 नए केस के मुकाबले ठीक होने पर 26 लोगों की उपचार से छुट्टी की गई है। कुल मिलाकर अब कुछ दिनों से पॉजीटिव आ रहे मरीजों की तुलना में रोजाना ठीक हो रहे मरीजों की संख्या 5 से 6 गुना तक हो गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले सप्ताह तक उज्जैन में उपचाररत तथा एक्टिव मरीजों की संख्या 20 से नीचे आ जाएगी। इसी के साथ उज्जैन ग्रीन झोन में भी प्रवेश कर जाएगा।
और इसके कारण लोगों की ह्युमिनिटी बढ़ गई
कोरोना नियंत्रण जिला नोडल अधिकारी डॉ. एचपी सोनानिया ने बताया कि तीसरी लहर में जिले में पॉजीटिव आए 5 हजार से अधिक मरीजों में 90 फीसदी से ज्यादा मरीजों ने वैक्सीन के दोनों डोज लगवाए थे। यही कारण रहा कि संक्रमित होने के बावजूद 97 फीसदी मरीजों को अस्पताल में उपचार की आवश्यकता नहीं पड़ी। कई लोग तो बिना दवा के ठीक हुए।
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