नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा कि कोविड-19 (Covid19) की वजह से जारी पाबंदियों के चलते पिछले 40 में 7 लाख करोड़ रुपये के व्यापार (Business) घाटे का अनुमान है। कैट ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण देशभर में व्यापारिक गतिविधियां लगभग ठप हो गई है।
कारोबारी संगठन ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से देशभर में व्यापारिक गतिविधियां लगभग पूरी तरह से ठप्प हो गई हैं। कैट ने कहा कि देश के प्राय सभी राज्यों में लॉकडाउन (Lockdown), आंशिक लॉकडाउन, कर्फ्यू (Curfew), रात्रि कर्फ्यू (Night Curfew) और इसी तरह की अन्य पाबंदियों की वजह से करीब 7 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमानित घाटा हुआ है। कैट ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) को एक पत्र भेजकर देशभर के व्यापारियों के लिए तत्काल वित्तीय राहत उपायों का ऐलान करने का आग्रह किया है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल वित्त मंत्री द्वारा हाल ही में जीएसटी (GST) एवं आयकर रिटर्न (Income tax return) करने की तारीखों को अगो बढ़ाने की सराहना करते हुए अन्य वैधानिक देय तारीखों को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है। खंडेलवाल ने कहा कि लॉकडाउन के चलते खुदरा दुकानें एवं बाजार पूरी तरह से बंद है, जिसके चलते पैसे का लेनदेन बंद हो गया है। लेकिन, कई प्रकार की पारिवारिक और व्यापारिक जरूरतें जिसमें कर्मचारियों का वेतन, दुकानों और गोदामों के किराए, ईएमआई की देयता, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को भुगतान शामिल है।
उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने कारोबार और होम लोन के लिए जो कर्ज लिया है उसकी ब्याज देयता सहित कई जरूरतों के अपनी जमा-पूंजी खर्च करने के लिए मजबूर है। यह उनके व्यवसाय और भविष्य के लिए विनाशकारी है। कैट महामंत्री ने वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि देशभर के इन कारोबारियों के लिए तत्काल कुछ जरूरी कदम उठाने की जरूरत है। सीतारमण को भेजे गए पत्र में खंडेलवाल ने जीएसटी और आयकर के तहत सभी वैधानिक भुगतान की तिथियां 31 अगस्त, 2021 तक बढ़ाने का आग्रह किया है।
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