भोपाल। प्रदेश सरकार ने भोपाल सहित 52 जिलों के लिए जो कोविड मैनेजमेंट प्लान 31 अक्टूबर तक अनुमान के आधार पर तैयार किया है उसके मुताबिक कुल मरीजों का आंकड़ा प्रदेशभर में ढाई लाख से ज्यादा होगा और अभी 30 सितम्बर तक ही साढ़े 5 हजार से अधिक बेड की जरूरत पड़ेगी, जिसकी जुगाड़ सभी कलेक्टरोंं से करवाई जा रही है। भोपाल और इंदौर में बेड की संख्या तो पर्याप्त है, लेकिन असल परेशानी बाहरी मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या के चलते है। भोपाल के चिरायु में लगभग 40 फीसदी बेड बाहरी कोरोना मरीजों से भरे हैं, वहीं इंदौर के अरबिन्दो अस्पताल में तो 66 प्रतिशत अन्य जिलों से आए मरीजों का इलाज चल रहा है। इंदौर में चूंकि मेडिकल सुविधा पूरे प्रदेश में सबसे बेहतर है और यही कारण है कि जो सम्पन्न या प्रभावशाली लोग हैं वे इंदौर आकर ही अपना इलाज करवाना चाहते हैं। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि प्रमुुख सचिव जैसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नीरज मंडलोई को भोपाल से इंदौर लाकर अरबिन्दो में दो दिन पहले भर्ती करवाया गया। शासन ने इंदौर में अरबिन्दो, इंडेक्स से तो अनुबंध कर रखा है, वहीं प्रशासन ने 28 निजी अस्पतालों में 30 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करवाए हैं, जो लगभग पूरे भर चुके हैं, क्योंकि बाहरी मरीजों के अलावा इंदौर में अभी सम्पन्न परिवारों में भी कोरोना फैलने के कारण सभी निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत आईसीयू बेड की हो रही है। अरबिन्दो में 66 प्रतिशत अन्य जिलों के मरीज भर्ती हैं, वहीं 3 सितम्बर तक ही यहां पर 21 जिलों के मरीजों का इलाज चल रहा है। आसपास के जिले तो ठीक, कटनी, छतरपुर, टीकमगढ़ और शिवपुरी तक से मरीज आ रहे हैं। इसके बाद भोपाल के चिरायुु की स्थिति है, जहां 56 प्रतिशत मरीज बाहरी जिलों से आकर उपचार के लिए भर्ती हैं। अभी 30 सितम्बर तक ही प्रदेश सरकार ने अनुमान लगाया है कि साढ़े 5 हजार से अधिक बिस्तरों की और आवश्यकता पड़ेगी, जिनमें आईसीयू बेड 650 से अधिक और आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन और हाईडेंसिटी यूनिट बिस्तरों सहित लगभग 5 हजार और बेड लगेंगे। इंदौर के मरीजों के हिसाब से तो यहां पर कलेक्टर के मुताबिक भी फिलहाल पर्याप्त बेड हैं, लेकिन अभी लगातार बाहरी जिलों से जो मरीज शिफ्ट किए जा रहे हैं उसके कारण बेड की संख्या निजी अस्पतालों में भी घट गई है। हालांकि इलाज के लिए किसी तो मना नहीं किया जा सकता और प्रशासन लगातार बेड की संख्या बढ़ा रहा है। अब सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में भी कोरोना मरीजों को भर्ती किए जा रहे हैं। वहीं निजी अस्पतालों में भी 90 से ज्यादा आईसीयू बेड की संख्या बढ़वाई गई थी, लेकिन अधिकांश बेड भर चुके हैं और जिन निजी अस्पतालों के बेड खाली हैं वहां मरीज जाना नहीं चाहते।
40 फीसदी मरीजों का होगा होम आइसोलेशन में इलाज
31 अक्टूबर तक शासन ने सभी 52 जिलों में कोरोना मरीजों की संख्या 2 लाख 60 हजार तक अनुमानित की है, जिनमें से 55 हजार मरीज उपचाररत रहेंगे और शेष मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके होंगे। वैसे 75 फीसदी से अधिक रिकवरी रेट प्रदेश में चल रहा है और अभी तक जो साढ़े 73 से अधिक संक्रमित हुए हैं उनमें से 55887 स्वस्थ भी हो गए हैं और अब बड़ी संख्या में ए सिम्टोमैटिक मरीजों का होम आइसोलेशन में इलाज हो रहा है और 40 प्रतिशत मरीज इसी तरह घरों में ही स्वस्थ हो सकते हैं।
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