नई दिल्ली। उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर एक आम बीमारी है, जिसे हाइपरटेंशन भी कहा जाता है। अगर यह लंबे समय तक रहता है तो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके कारण हृदय रोग, स्ट्रोक और हार्ट फेल्योर जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए इस बीमारी को हल्के में तो बिल्कुल भी नहीं लेना चाहिए और खासकर इस कोरोना काल में, क्योंकि उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए कोरोना वायरस ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है।
इस समय देश में कोरोना की जो दूसरी लहर चल रही है, उसमें हार्ट अटैक के बाद कई कोरोना मरीजों की मौत के मामले देखने को मिले हैं। यहां तक कि ठीक हो चुके मरीजों में भी ऐसा देखने को मिला है। इसलिए उच्च रक्तचाप के वैसे मरीज, जो कोरोना से संक्रमित हुए हैं, उन्हें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे जोखिम को कम किया जा सके।
डाइट का ध्यान रखें : उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए सबसे जरूरी होता है कि वे अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखें और इसके लिए डाइट पर ध्यान देना बहुत ही जरूरी है। विशेषज्ञ कहते हैं कि कोरोना संक्रमित उच्च रक्तचाप के मरीजों को पोटैशियम से भरपूर फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए। ऐसे लोगों के लिए केला, संतरा, ब्रोकली और पालक जैसी चीजों फायदेमंद हो सकती हैं।
कम मात्रा में नमक खाएं : उच्च रक्तचाप के मरीजों को कम मात्रा में नमक खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि शरीर में सोडियम की अधिक मात्रा ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती है। ऐसे लोगों को तो पैकेट बंद फूड का सेवन तो भूलकर भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें नमक की मात्रा ज्यादा होती है।
नींद भी है जरूरी : सात से आठ घंटे की पर्याप्त नींद लेना अच्छी सेहत के लिए बहुत ही जरूरी होता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि छह घंटे या इससे कम सोने वालों में उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड की संभावना ज्यादा रहती है। इसलिए कोशिश करें कि रात में पर्याप्त नींद लें।
नियमित रूप से दवा लें : उच्च रक्तचाप के मरीजों को अपनी दवाओं का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। ऐसा नहीं कि अगर ब्लड प्रेशर नियंत्रित है तो दवा खाना छोड़ दें। ऐसी लापरवाही बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। ऐसे मरीज अगर कोरोना से संक्रमित हैं तो डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन करें।
स्टेरॉयड को लेकर रहें सावधान : उच्च रक्तचाप के मरीजों को कोरोना से गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा ज्यादा होता है। अगर कोरोना से पीड़ित हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों की तबीयत अधिक खराब हो जाती है, तो उन्हें डॉक्टर की सलाह पर स्टेरॉयड दिया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि जल्दी ठीक होने के चक्कर में ऐसे मरीजों को बिना डॉक्टर की सलाह के स्टेरॉयड भूलकर भी नहीं लेना चाहिए, नहीं तो यह फायदे की जगह नुकसान भी पहुंचा सकता है।
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