इंदौर। कोरोना की दूसरी लहर से अभी तक ग्रामीण इलाके बचे हुए थे लेकिन अब एमपी में ग्रामीण इलाके भी कोरोना की चपेट में आना शुरू हो गए हैं। बता दें कि इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में अब तक 2100 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इतना ही नहीं 28 लोगों की कोरोना से मौत हुई है।
200 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में फैला संक्रमण
नई दुनिया की एक खबर के अनुसार, इंदौर जिले में 312 ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें से 200 से ज्यादा में कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं। सबसे ज्यादा मरीज महू विकासखंड में 1149, सांवेर विकासखंड में 576 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
लापरवाही से बिगड़े हालात
माना जा रहा है कि गांवों में लोग कोरोना से बीमार पड़े और वहीं पर इलाज कराते रहे। उन्होंने कोरोना टेस्ट नहीं कराया और इसका खामियाजा उन्हें जान देकर चुकाना पड़ा। इससे कोरोना का संक्रमण भी फैल गया। बीते दिनों सरकार ने कृषि उपज की खरीददारी की थी। माना जा रहा है कि उसी दौरान कोरोना संक्रमण ग्रामीण इलाकों में फैल गया।
संक्रमण की रफ्तार पर लगे ब्रेक
मध्य प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू का असर अब दिखाई दे रहा है। दरअसल राज्य के चार बड़े शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में संक्रमण की दर कम होती दिखाई दे रही है। इन शहरों में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 5302 नए केस मिले हैं। जिनमें से 4026 मरीज ठीक हुए हैं। चारों शहरों में मरीजों के ठीक होने की दर भी बढ़ी है और नए संक्रमितों की संख्या में भी कमी आई है। वहीं कोरोना संक्रमण से छतरपुर के एसडीएम संतोष चंदेल का भी निधन हो गया है। वहीं दमोह के पूर्व बीजेपी जिलाध्यक्ष देवनारायण श्रीवास्तव का भी कोरोना से निधन हो गया है।
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