• img-fluid

    भारत में इन वजहों से कोरोना हुआ ज्‍यादा खतरनाक

  • April 13, 2021

    नई दिल्ली। पिछले साल जब भारत(India) में पहली बार कोरोना वायरस (Corona Virus) ने दस्तक दी थी, तब देश ने दुनिया के सबसे सख्त लॉकडाउन(Lockdown) का ऐलान किया था. संदेश साफ था कि यह जानलेवा वायरस(Virus) अमीरी-गरीबी, जाति-धर्म से परे सबको अपनी चपेट में ले रहा है. अगर यह भारत में फैला तो यह तेजी से सवा अरब से ज्यादा की आबादी वाले देश को बेपटरी कर देगा.

    भारत(India) में बरते गए इन एहतियातों का नतीजा यह हुआ कि इंफेक्शन की दर घटी और कोरोना से मृत्युदर भी कम रही. लेकिन इसके साथ ही देश में सार्वजनिक और व्यक्तिगत तौर पर सावधानी बरतने में कमी आई. यही वजह है कि दुनियाभर के विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि कोरोना को लेकर भारत का लचर रुख संकट खड़ा करेगा.


    भारत(India) में पिछले 24 घंटे के आंकड़े बताते हैं कि 1 लाख 68 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. 24 घंटे में 904 लोगों ने अपनी जान गंवा दीं. कई जगह पाबंदियां तो कई जगह नाइट कर्फ्यू (Night curfew) लागू है. लेकिन फिर भी मामलों में तेजी से उछाल देखने को मिल रहा है. महाराष्ट्र में अभी पूर्ण लॉकडाउन पर फैसला आना बाकी है और कोविड टास्क फोर्स ने 14 दिन का लॉकडाउन लगाने की सिफारिश की है. जबकि महाराष्ट्र टीकाकरण में भी आगे है. देश में अब तक 10, 45,28,565 टीके लग चुके हैं. वैज्ञानिक कोरोना के नए-नए स्ट्रेन के बारे में पता लगा रहे हैं जो कि ब्रिटेन और अफ्रीका में पाए गए वेरिएंट्स से भी खतरनाक माने जा रहे हैं. वहीं प्रशासन ने कई स्थानों पर कॉन्ट्रैक ट्रेसिंग को मुश्किल करार दिया है.

    विशेषज्ञों का कहना है कि लचर रुख और गलत कदमों ने कोरोना को लेकर भारत को दुनिया की सबसे खराब जगहों में शुमार कर दिया है. महामारी विज्ञानियों ने चेतावनी दी है कि भारत की निरंतर असफलता के वैश्विक प्रभाव होंगे. विशेषज्ञों ने भारत में उन पांच गलतियों की ओर इशारा किया है जिससे कोरोना ज्यादा खतरनाक होकर लौटा है.

    जॉन हॉपकिंस मेडिसिन के विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के लिए लोगों का बर्ताव जिम्मेदार है. पिछले साल लगाए गए सख्त लॉकडाउन ने भारत में कोविड-19 महामारी की रफ्तार को धीमी कर दी थी. कोरोना प्रोटोकॉल को अपनाते हुए लोगों ने मास्क पहने, दो गज की दूरी बनाए रखी और नियमित तौर पर हाथों को सफाई करते रहे, ये बड़ी वजह थी कि हम कोरोना से निपटने में कारगर रहे. लेकिन जैसे ही मामलों में गिरावट आने लगी, लापरवाही भी देखने को मिली. विशेषज्ञ इसे प्रोटोकॉल की थकान भी बोल रहे हैं. लोगों ने पाबंदियों से ऊबकर मास्क लगाना छोड़ दिया, ट्रेन से यात्राएं करने की हिचक दूर होने लगी और लोग बड़ी संख्या में घूमने भी जाने लगे.

    अर्थव्यवस्था की हालत को देखते हुए भारत में सरकार फिर से लॉकडाउन लगाने की स्थिति में नहीं है. लेकिन इस दौरान कोरोना नियमों के पालन में लापरवाही भी दिखी. विभिन्न विधानसभा चुनावों को लेकर रैलियों में भीड़ जुटाकर राजनेताओं ने गलत संदेश दिया. रैलियों में जुट रही भीड़ के चलते देश के बाकी हिस्सों में लोग सरकार की कड़ाई के खिलाफ ही दलील देने लगे हैं. नतीजा, बेफिक्री बढ़ी है.

    प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (PM Narendra Modi) दो गज दूरी की अपील करते रहे हैं लेकिन राजनीतिक रैलियों में इसके कोई मायने नहीं रह गए हैं. चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनावी रैलियों में बड़े नेता पहुंच रहे हैं और भीड़ जुट रही है.

    पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया(Public Health Foundation of India) के डॉ. के श्रीनाथ रेड्डी ने बताया, ‘जनता और सरकार के लोगों का बर्ताव मायने रखता है. यदि हम चंद सप्ताह के लिए कुछ करते हैं और अपनी पीठ थपथपाते हैं और सावधानियों को दरकिनार कर देते हैं तो मुसीबत आनी निश्चित है.’

    दिल्ली में ड्राइवर से भी मास्क न लगाने पर जुर्माना वसूला जा रहा है. लेकिन वहीं नेता बड़ी रैलियां कर रहे हैं जिसमें भीड़ जुट रही है. हरिद्वार में कुंभ मेला चल रहा है लेकिन उत्तराखंड के सीएम का कहना है कि वहां किसी तरह की पाबंदियां नहीं होगी. हरिद्वार कुंभ में कई मामले सामने आए हैं और कई साधु संक्रमित पाए गए हैं.

    वॉशिंगटन स्थित सेंटर फॉर डिजीज डायनिमिक्स एंड पॉलिसी (Washington-based Center for Disease Dynamics and Policy) के डॉ. रामनन लक्ष्मीनारायण कहते हैं कि भारत ने अपनी जरूरतों को देखते हुए कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगा दी है. अगर भारत अभी 70 फीसदी वैक्सीनेशन नहीं कर पाया तो इसे यह काम पूरा करने में और दो साल लगेंगे. वह कहते हैं कि भारत की आबादी अच्छी खासी है और दुनिया कोरोना से कैसे निपटती है यह इस बात पर निर्भर करता है कि भारत कोविड-19 से किस तरह निपट रहा है. अगर कोरोना भारत में खत्म नहीं हुआ तो दुनिया में भी इसे मिटाना मुश्किल होगा.

    पीएम मोदी(PM Modi) ने बीते गुरुवार को फिर लॉकडाउन की संभावनाओं को खारिज कर दिया और दूसरी लहर को रोकने के लिए उन्होंने टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट औक कोविड अपोप्रियट बिहैबियर पर जोर दिया. मोदी सरकार के अधिकारी राज्य सरकारों के कुप्रबंधन को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

    भारत में जैसा दिख रहा था, उसके उलट वैक्सीनेशन की तैयारी उतनी नहीं थी. दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माताओं में से एक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन उत्पादन का दावा किया. सरकार ने “वैक्सीन डिप्लोमेसी” अभियान भी शुरू किया और अन्य देशों में टीके भेजे. लेकिन भारत में कई स्थानों पर वैक्सीन की कमी होने की बात कही जा रही है.

    भारत में कोरोना के 1.2 करोड़ से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, फिर भी महामारी अभी भी ज्यादातर शहरों, विशेष रूप से बड़े शहरों के आसपास केंद्रित है. इन शहरों में वायरस फैलने की आशंका अधिक है क्योंकि कामकाज के चलते इन शहरों की आबादी ज्यादा है. मसलन पुणे, मुंबई, नागपुर, बेंगलुरु और दिल्ली. ये शहर पहली लहर में भी बुरी तरह प्रभावित हुए थे.
    मानवीय कारकों के अलावा, म्यूटेशन भी एक बड़ी वजह बन रही है. दूसरी लहर के लिए इसे भी जिम्मेदार माना जा रहा है. वैज्ञानिकों ने SARS-CoV-2 के कई म्यूटेशन का पता लगाया है. कई म्यूटेशन को चिंता का विषय करार दिया गया है. भारत में करीब चार म्यूटेशन का पता लगाया जा चुका है. इनमें से कई ज्यादा संक्रामक बताए जा रहे हैं. कई स्टडी में कहा जा रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रही है जोकि वाकई चिंताजनक है.

    डॉ. लक्ष्मी नारायण का अनुमान है कि इस बार टेस्टिंग सटीक की जा रही है. कोरोना शहर की गरीब आबादी में पहुंच गया है इसका पता लगाने में सफलता मिली है. अधिक मामलों का इसलिए भी पता चल पा रहा है क्योंकि भारत में टेस्टिंग की संख्या बढ़ा दी गई है. लिहाजा तेजी से मामलों के बारे में पता चल पा रहा है.

    Share:

    RT-PCR टेस्ट में भी नहीं आ रहा पकड़ में, आ रही निगेटिव रिपोर्ट

    Tue Apr 13 , 2021
    नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस(Corona virus) की दूसरी लहर (Second Wave) के कहर से हाहाकार मचा है. इस बीच एक और परेशान करने वाली बात सामने आई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 (Covid-19) का नया वैरिएंट (New Variant) पहले से ज्यादा खतरनाक और संक्रामक होने के साथ ही गुप्त होता जा रहा है. […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शुक्रवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved