नोएडा। नोएडा (Noida) के सेक्टर-40 स्थित एक स्कूल के 13 विद्यार्थी और तीन शिक्षक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। शिक्षकों और बच्चों के संक्रमित होने के बाद 17 अप्रैल तक स्कूल बंद कर दिया गया है। स्कूल की ओर से संक्रमितों(infected) विद्यार्थियों व शिक्षकों की लिस्ट और उठाए गए कदमों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भेजी गई है। स्कूल प्रबंधन ने परिसर सैनिटाइज कराकर अन्य सुरक्षा उपाय अपनाने की बात कही है। वहीं पिछले करीब 10 दिनों से खाली पड़े सेक्टर-39 के कोविड अस्पताल में रविवार को 12 वर्षीय बच्ची को भर्ती कराया गया है।
बच्चों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता
बच्चों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। कोविड मामले(covid cases) सामने आने के बाद स्कूल बंद कर ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी गई है। स्कूल खुलने के बाद कोविड टेस्ट के आधार पर ही विद्यार्थियों को बुलाया जाएगा। साथ ही कोविड गाइडलाइन का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय अपनाया जाएगा।- राजीव गुप्ता, स्कूल प्रबंधक
अभिभावकों की बढ़ी चिंता, कहा-फिर शुरू हों ऑनलाइन कक्षाएं
स्कूल में कोविड मामले सामने आने के बाद अभिभावकों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। स्कूल के अभिभावक अभी से ही ऑनलाइन क्लास शुरू करने की मांग करने लगे हैं। इसके साथ ही बच्चों की जांच, सुरक्षा आदि को लेकर अभिभावकों की सक्रियता बढ़ गई है। संक्रमित(infected) बच्चों के अभिभावक जहां इलाज की व्यवस्थाओं में लगे हैं। वहीं उनके साथ पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक की कोविड जांच करवाकर अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं।
स्कूल की ओर से 17 अप्रैल तक कक्षाएं ऑनलाइन कर दी गई हैं। लेकिन अभिभावक इस समय सीमा को और बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। संक्रमित मिलने वाली कक्षाओं के विद्यार्थियों को 18 अप्रैल से कोविड जांच रिपोर्ट लेकर ही स्कूल आने के लिए निर्देशित किया गया है। वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील शर्मा ने बताया कि पब्लिक स्कूल में एक साथ 13 बच्चों के संक्रमित होने के बाद सुरक्षा की दृष्टि से स्कूल को बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही कुछ अन्य स्कूलों में भी एक दो मामले संक्रमित बच्चों से जुड़े सामने आए हैं।
उन्होंने बताया कि स्कूलों में स्थिति नियंत्रण में है और इन बच्चों में कोई प्रभावी लक्षण नहीं है। इस स्कूल के अतिरिक्त अन्य स्कूलों में बच्चे के संक्रमण का पता किसी सामान्य कारण से कोविड जांच करवाने के दौरान हुआ। जिसके बाद बच्चों का होम आइसोलेशन में इलाज जारी है। साथ ही संपर्क में आए लोगों की भी जांच की गई है। स्कूल में पॉजिटिव पाए गए बच्चों व शिक्षकों के संपर्क में आने वाले लोगों का पता किया जा रहा है। कांटेक्ट ट्रेसिंग के जरिये उनकी जांच व पॉजिटिव पाए जाने पर इलाज सुनिश्चित किया जाएगा।
क्या है खतरा
सेक्टर-30 जिला अस्पताल एवं सेक्टर 39 कोविड अस्पताल की सीएमएस डॉ सुषमा चंद्रा ने कहा कि पहले भी बच्चों में कोविड की लहर संबंधी संभावनाएं जताई जा चुकी हैं। लेकिन ओमीक्रॉन के दौरान ऐसा कुछ खतरा सामने नहीं आया था। ओमीक्रॉन के लक्षण हल्के थे एवं अधिकांश मरीजों का इलाज होम आइसोलेशन में ही हो गया। लंबे समय से कोविड अस्पताल में कोई मरीज भर्ती नहीं था, अब एक संक्रमित बच्ची का मामला कोविड अस्पताल में सामने आया है। वहीं स्कूल में बड़ी संख्या में संक्रमित बच्चे मिले हैं। जिसके साथ ही बच्चों के इलाज को लेकर सतर्कता बढ़ी है। कोविड अस्पताल में बच्चों के लिए अलग से वार्ड, आईसीयू की पहले से व्यवस्था रही है। लोगों को बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है।
चार दिन में यूं बदले हालात
जिले में बच्चे व बड़े दोनों ही नए कोविड मरीजों के मिलने का सिलसिला पूरे सप्ताह जारी रहा है। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी कोविड रिपोर्ट में 3 नए मामलों की पुष्टि हुई है। वहीं 3 लोग संक्रमण से ठीक हुए हैं। जबकि सक्रिय केसों की संख्या 54 है।
दिन नए केस ठीक हुए लोग
11 अप्रैल 3 3
10 अप्रैल 15 12
9 अप्रैल 9 12
8 अप्रैल 10 14
7 अप्रैल 10 15
अभिभावक बोले
बच्चों की सुरक्षा सबसे अहम सवाल है। जब तक कोविड का खतरा है ऑनलाइन पढ़ाई चलनी चाहिए। मेरा एक बच्चा कक्षा 2 व एक 3 में पढ़ता है। स्कूल में कोविड मामले सामने आने के बाद से हम उन्हें स्कूल भेजने से डर रहे हैं।- मधुकर, अभिभावक
स्कूल में बच्चों के साथ लापरवाही नहीं की जा सकती। हाल में ट्रांसपोर्ट को लेकर स्कूल के अंदर अव्यवस्थाएं देखने को मिली थी। ऐसे में कोविड को लेकर कितनी सतर्कता होगी उस पर सवाल उठ रहे हैं। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है। – रोहित चन्ना, अभिभावक
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