नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मिस्र में छह से 18 नवंबर तक आयोजित संयुक्त राष्ट्र का 27वां सम्मेलन यानी कॉप-27 बैठक से एक अहम खबर सामने आई है। समाचार एजेंसी एएफपी ने संयुक्त राष्ट्र के हवाले से बताया है कि पिछली बैठक में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए जो संकल्प लिया गया था वह पूरा नहीं हो सका। वैश्विक उत्सर्जन इतिहास में अपने उच्चतम शिखर पर पहुंच चुका है। जलवायु प्रभाव अर्थव्यवस्थाओं और समाज को तबाह कर रहा है। हालांकि सभी नेताओं ने कार्बन उत्सर्जन में तेजी से कमी लाने के लिए एक बार फिर से संकल्प लिया साथ ही एक नए फंड की घोषणा भी की जिसका नाम ‘लॉस एंड डैमेज’ फंड होगा। इस फंड के जरिए जलवायु परिवर्तन की समस्या को दूर करने की कोशिश की जाएगी।
जानें क्या है लॉस एंड डैमेज फंड
27वें संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (COP27) में सभी देशों के प्रतिनिधि ‘नुकसान और क्षति’ कोष (Loss and Damage Fund) स्थापित करने पर सहमत हुए। नुकसान और क्षति कोष जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील विकासशील देशों को हुए नुकसान की भरपाई करने में मदद करेगा। वहीं इस मामले में COP27 ने एक ट्वीट में कहा कि शर्म अल-शेख में आज COP27 में इतिहास रचा गया क्योंकि सभी देश सहायता के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित ‘नुकसान और क्षति’ कोष की स्थापना पर सहमत हुईं।
कॉप27 को एक दिन के लिए बढ़ाया गया
जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों को लेकर जारी गतिरोध के बीच मिस्र में आयोजित कॉप27 शिखर सम्मेलन की अवधि एक दिन के लिए बढ़ा दी गई है। ऐसा कार्बन न्यूनीकरण कार्यक्रम, नुकसान और क्षति और जलवायु से जुड़े वित्तपोषण जैसे प्रमुख मुद्दों पर जारी गतिरोध को खत्म करने के प्रयास के तहत किया गया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता की अवधि एक दिन और बढ़ा दी गई है। कॉप27 को शुक्रवार को समाप्त होना था, लेकिन कॉप27 को शुक्रवार को समाप्त होना था, लेकिन यहां जारी वार्ता को उनके तार्किक अंत की ओर ले जाने के लिए इसे एक दिन बढ़ा दिया गया है।
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