इसाई धर्म कबूला…मांग में सिंदूर लगाना छोड़ा
पटना। बिहार (Bihar) के बोधगया (Bodh Gaya) जिले के बेलवा टांड गांव (Belwa Tand village) में एक-दो नहीं, बल्कि एक साथ पूरे गांव ने धर्मांतरण कर ईसाई धर्म (Christian religion) कबूल लिया है और महिलाओं ने मांग में सिंदूर भरना भी छोड़ दिया। जैसे ही बोधगया (Bodh Gaya) से सिर्फ 5 किलोमीटर दूर स्थित महादलित बेलवा टांड गांव (Belwa Tand village) के लगभग सारे लोगों के धर्मांतरण करने की खबर आग की तरह फैली तो बजरंग दल सहित तमाम हिन्दूवादी संगठनों ने उन्हें मनाने के लिए ताबड़तोड़ कोशिशें भी शुरू कर दी हैं। लेकिन गांव के लोगों में ईसाई धर्म (Christian religion) के प्रति ऐसी आस्था जागी कि उन्होंने इनकार कर दिया।
चर्च जाकर बीमार बच्चा ठीक हुआ तो पूरे गांव ने धर्मांतरण करवा लिया
महादलितों (Mahadalit) के धर्मांतरण की कहानी अंधविश्वास से जुड़ी हुई है। कई माह पहले यहां एक बच्चे को अज्ञात बीमारी हुई थी, जिसके इलाज के लिए ओझा ने 40 हजार रुपए की मांग की। बीमार बच्चे का पास के दवाखाने में इलाज कराया, फिर भी वह ठीक नहीं हुआ। इसी दौरान ईसाई मिशनरी ( Christian machinery) से जुड़े कुछ लोगों ने बच्चे की मां का ब्रेन वॉश कर उसे चर्च में प्रार्थना करने को कहा। बच्चे की मां ने जब चर्च में बच्चे के ठीक होने के लिए प्रार्थना की तो बच्चा कुछ दिनों में ही स्वस्थ हो गया। ऐसा होते ही बच्चे की मां ने हिन्दू धर्म छोड़ ईसाई धर्म (Christian religion) कबूल लिया। फिर धीरे-धीरे गांव के सभी लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया।
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