चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के अंदरुनी मामलों को सुलझाने के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी में आलाकमान के प्रतिनिधि हरीश चौधरी (Harish Chowdhary) मानते हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) का सार्वजनिक तौर पर सरकारी फैसलों पर अंगुली उठाना ठीक नहीं है। वे पार्टी के प्रदेश प्रधान हैं। आलाकमान ने अभी उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। ऐसे में अगर वे इस्तीफा देने पर अड़े रहे तो प्लान-बी के बारे में सोचा जाएगा।
नवजोत सिद्धू (Navjot Siddhu) के ताजा ट्वीट (Tweet) पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अंदरुनी लोकतंत्र सभी को बोलने की इजाजत देता है, लेकिन पार्टी फोरम पर। सार्वजनिक तौर पर सरकार के फैसलों पर अंगुली उठाने से उनको बचना चाहिए। पहले ही तय हो चुका है कि अब किसी भी प्रशासनिक निर्णय पर तीन सदस्यीय कमेटी मुहर लगाएगी, जिसमें सिद्धू खुद सदस्य है। चौधरी ने साफ कहा कि हमें कड़े फैसले भी लेने पड़े तो लेंगे। ऐसे फैसले पार्टी में पहले भी होते आए हैं और आगे भी होंगे।
कांग्रेस के पंजाब प्रभारी की जिम्मेदारी देने के सवाल पर हरीश चौधरी ने कहा कि अभी मेरी जिम्मेदारी राजस्थान में राजस्व मंत्री के तौर पर है। आगे हाईकमान जो भी आदेश देगा, उसका पालन करूंगा। बता दें कि पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन के पूरे घटनाक्रम को अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी आलाकमान ने उन्हें दी थी और वे इस मामले में राहुल गांधी से लगातार संपर्क में थे। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी वे महासचिव अजय माकन के साथ चंडीगढ़ आए थे।
ताजा विवाद में कांग्रेस के कमजोर होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पंजाब से दूर बैठे व्यक्ति को यह लग सकता है कि इससे पार्टी कमजोर हुई है, लेकिन आप पंजाब में आकर देखेंगे तो लगेगा पार्टी मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि सिद्धू हो या कोई और, पार्टी में बात रखने का सबको अधिकार है। सब जानते हैं कि कैबिनेट गठन का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है, जबकि सलाह देने का अधिकार सबको है। पंजाब के मामले में भी यही हुआ है। उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस का नेतृत्व मजबूत था, है और रहेगा और 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करेगी।
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