HRD मंत्री रमेश पोखरियाल ने दी सफाई
नई दिल्ली। सीबीएसई के पाठ्यक्रम से कुछ टॉपिक्स हटाये जाने को लेकर केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा है इसपर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मनगढ़ंत टिप्पणियां कर गलत विमर्श का प्रसार किया जा रहा है।
मंत्री का यह बयान कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पैदा हुए हालात के चलते सीबीएसई के पाठ्यक्रम को कम करने संबंधी विवाद के बीच आया है। विपक्ष का आरोप है कि एक खास तरह की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए भारत के लोकतंत्र और बहुलतावाद संबंधी पाठों को ‘‘हटाया’’ जा रहा है। निशंक ने इस संबंध में कई ट्वीट किए।
The only aim is to relax the stress on students by reducing the syllabus by 30%. This exercise has been carried out following the advice & recommendations of various experts and considering the suggestions received from educationists through our #SyllabusForStudents2020 campaign.
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 9, 2020
उन्होंने लिखा, सीबीएसई के पाठ्यक्रम में कुछ टॉपिक्स को हटाये जाने के बारे में बहुत सी मनगढंत टिप्पणियां की जा रही हैं। इन टिप्पणियों के साथ समस्या यह है कि वे गलत विमर्श को फैलाने के लिए चुनिंदा विषयों को जोड़कर सनसनीखेज बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद, स्थानीय सरकार ,संघवाद आदि तीन-चार टॉपिक्स को छोड़े जाने का गलत मतलब निकाल कर मनगढंत विमर्श बनाना आसान है, विभिन्न विषयों को व्यापक तौर पर देखा जाए तो दिखाई देगा कि सभी विषयों में कुछ चीजों को छोड़ा गया है। मंत्री ने दोहराया कि पाठ्यक्रम में टॉपिक्स को छोड़ना कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर उठाया गया कदम हैं। उन्होंने कहा कि जैसा कि सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों को एनसीईआरटी वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर का पालन करने की सलाह दी गई है, और उक्त सभी टॉपिक्स को उसके तहत लाया गया है। कोविड-19 महामारी के कारण उठाया गया यह एक बार का कदम है।
उन्होंने कहा, इसका एकमात्र उद्देश्य सिलेबस को 30 प्रतिशत तक कम करके छात्रों के तनाव को कम करना है। यह कदम हमारे सिलेबस फॉर स्टूडेंट्स 2020 अभियान के माध्यम से शिक्षाविदों से प्राप्त सुझावों पर विचार करके और विभिन्न विशेषज्ञों की सलाह और सिफारिशों पर उठाया गया है।
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