नई दिल्ली (New Delhi) । कांग्रेस (Congress) ने रविवार को अपने महाधिवेशन (convention) से जुड़े विज्ञापन (Advertisement) में देश के प्रथम शिक्षा मंत्री और स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद (Maulana Abul Kalam Azad) की तस्वीर नहीं होने पर सोशल मीडिया में विवाद होने के बाद माफी मांग ली और कहा कि इसकी जिम्मेदारी तय की जा रही है तथा कार्रवाई भी जाएगी।
पार्टी ने अपने 85वें महाधिवेशन के संदर्भ में अखबारों में एक विज्ञापन दिया था, जिसमें महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, भीमराव आंबेडकर, सरोजिनी नायडू, सुभाष चंद्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पीवी नरसिंह राव की तस्वीरें थीं। कांग्रेस की पृष्ठभूमि से जुड़े दिग्गज नेताओं में मौलाना आजाद का नाम नहीं होने पर कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने आपत्ति जताई और कांग्रेस पर मौलाना आजाद को भूल जाने का आरोप लगाया।
इसके बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, कांग्रेस द्वारा जारी एक विज्ञापन में मौलाना आज़ाद की तस्वीर नहीं थी। यह एक क्षमा न करने योग्य भूल है। इसकी ज़िम्मेदारी तय की जा रही है और कार्रवाई की जाएगी। हम दिल से माफ़ी मांगते हैं। वह हमारे और पूरे भारत के लिए एक प्रतिष्ठित और प्रेरक व्यक्ति बने रहेंगे।
बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने इस विज्ञापन को लेकर सवाल किया कि आखिर कांग्रेस मौलाना आजाद और उनके योगदान को कैसे भूल सकती है?
उन्होंने ट्वीट कर कहा, राहुल को अपनी पार्टी में मौजूद उन आरएसएस संबंधी तत्वों से निपटना होगा और उनसे मुक्ति पानी होगी, जो इस तरह के आत्मघाती कदम के लिए जिम्मेदार हैं। कांग्रेस मौलाना आजाद और उनके योगदान कैसे भूल सकती है? इससे पहले भी प्रणब मुखर्जी और शिवराज पाटिल ने संसद में सावरकर का चित्र लगाने की अनुमति दी थी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved