लंदन। सुएला ब्रेवरमैन को गृहमंत्री पद से हटाने के बाद से ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक आलोचकों के निशाने पर हैं। अब खबर आयी है कि ऋषि सुनक की पार्टी की ही सांसद ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल कंजरवेटिव पार्टी की सांसद एंड्रिया जेनकिंस ने 1922 कमेटी के चेयरमैन सर ग्राहम ब्रैडी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में ब्रिटिश सांसद ने ऋषि सुनक को पीएम पद से हटाने की मांग की है और उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।
कंजरवेटिव पार्टी की सांसद ने ऋषि सुनक पर लगाए आरोप
इस पत्र में एंड्रिया जेनकिंस ने लिखा बस बहुत हो गया। हमारी पार्टी का नेता ऐसा व्यक्ति है, जिसे पार्टी के नेता ही खारिज कर चुके हैं और चुनाव नतीजों से स्पष्ट है कि जनता भी उन्हें खारिज कर चुकी है। अब ऋषि सुनक के जाने का समय आ गया है। जेनकिंस ने लिखा ऋषि सुनक, लोकतांत्रिक रूप से चुने गए बोरिस जॉनसन को पीएम पद से हटाने वाले लोगों में शामिल थे, उन बोरिस जॉनसन को जिन्होंने ब्रेग्जिट कराने में अहम भूमिका निभाई और वही पार्टी को बड़े बहुमत से सत्ता में लाए थे। अब सुएला ब्रेवरमैन को पद से हटाकर ऋषि सुनक ने हद कर दी है। इस कैबिनेट में ब्रेवरमैन ही एसी व्यक्ति थीं, जो सच बोलने का माद्दा रखती हैं। जेनकिंस ने पत्र में उम्मीद जताई कि उनकी पार्टी के अन्य सांसद भी उनका समर्थन करेंगे। जेनकिंस ने सोशल मीडिया पर भी इस पत्र को साझा किया है।
ऋषि सुनक की जा सकती है कुर्सी
बता दें कि अगर सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी के 15 फीसदी सांसद ऋषि सुनक के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हैं तो इससे सुनक को पीएम पद छोड़ना पडे़गा। बता दें कि सुएला ब्रेवरमैन ने हाल ही में एक अखबार में लिखे लेख में लंदन पुलिस पर फलस्तीन समर्थक होने का आरोप लगाया था। दरअसल हाल ही में लंदन में फलस्तीन के समर्थन में रैली निकाली गई, जिससे धुर दक्षिणपंथी लोगों का एक समूह भिड़ गया। इस दौरान खूब हिंसा हुई।
सुएला ब्रेवरमैन ने आरोप लगाया कि पुलिस ने दक्षिणपंथी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की लेकिन फलस्तीन समर्थकों के प्रति नरम रुख अपनाया। साथ ही सुएला ब्रेवरमैन ने कई ऐसे बयान दिए, जिससे विपक्षी नेताओं के साथ ही सुनक की पार्टी के नेता भी नाराज थे। साथ ही सुएला ब्रिटेन में बढ़ रही मजहबी हिंसा के लिए इमीग्रेंट्स को दोषी मानती हैं और उन्होंने ये भी कहा था कि भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होने से ब्रिटेन आने वाले इमीग्रेंट्स की संख्या बढ़ जाएगी। यही वजह थी कि सुनक और ब्रेवरमैन में तनाव बढ़ रहा था और आखिरकार सुनक ने ब्रेवरमैन की कैबिनेट से छुट्टी कर दी।
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