चंडीगढ़। हरियाणा (Haryana) से बीजेपी (BJP ) के राज्यसभा सांसद (Rajya Sabha MP) रामचंद्र जांगड़ा (Ramchandra Jangra) ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने किसानों (Farmers) को कसाई और नशे के सौदागर कहा है। उन्होंने कहा कि जहां पर किसान आंदोलन हुआ, वहां से 700 लड़कियां गायब हैं। रोहतक के महम शुगर मिल में गन्ना पेराई सत्र के शुभारंभ पर पहुंचे रामचंद्र जांगड़ा ने ये बातें कहीं, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि जब पहला किसान आंदोलन हुआ था तब वहां से 700 लड़कियां गायब हुई थीं। सिंधु बॉर्डर और बहादुरगढ़ बॉर्डर के पास के गांव की 700 लड़कियां गायब हैं। वे कहां गई, किसी को पता नहीं। एक आदमी को मार कर टांग दिया था। ये किसान नहीं, कसाई हैं।
‘पंजाब के किसानों ने हरियाणा में नशा फैलाया’
पंजाब के किसानों ने हरियाणा में नशा फैलाया है। 2021 में एक साल तक टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के जो नशेड़ी बैठे रहे, उन्होंने सारा नशे का नेटवर्क हरियाणा प्रदेश में फैला दिया।2021 के बाद से गांव-गांव में बच्चे बेमौत मर रहे हैं। हरियाणा के युवा हेरोइन, भुक्की, अफीम, कोकीन और स्मैक के जाल में फंसे हुए हैं। कुंडली बॉर्डर पर 100 फैक्ट्रियां बंद हो गईं। बहादुरगढ़ बॉर्डर पर एक साल तक 100 फैक्ट्रियां रही। नुकसान हरियाणा प्रदेश का हुआ, पंजाब का नहीं।
‘राकेश टिकैत और चढ़ूनी की हैसियत क्या है? ‘
किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम चढ़ूनी के चुनाव हारने पर उन्होंने कहा कि इनकी हैसियत क्या है? राकेश टिकैत ने दो चुनाव लड़े, यूपी में दोनों बार जमानत जब्त हुई। गुरनाम सिंह चढूनी ने अभी पिहोवा से चुनाव लड़ा। 1170 वोट मिले। इनकी हैसियत क्या है और लोगों को बहकाने के लिए आ जाते हैं। चंदा इकट्ठा करके ले जाते हैं। प्रदेश में सैनी सरकार व केंद्र में मोदी सरकार इतना अच्छा काम कर रही है कि हमें कोई आंदोलन व धरना प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं।
जांगड़ा के बयान पर भड़के पंधेर, कहा- माफी मांगो
हरियाणा बीजेपी के सांसद रामचंद्र जांगड़ा के बयान पर किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि बीजेपी वाले ऐसे बयान देकर भड़काना चाहते हैं। इसके लिए बीजेपी सांसद को माफी मांगनी चाहिए। किसानों और हमें कमजोर करने की कोशिश ना करें। पंजाब के लोग आज भी हमारे साथ हैं। हम लगातार संघर्ष कर रहे हैं। हमारी जीत होगी जैसे पहले आंदोलन में जीत हुई थी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved