नई दिल्ली (New Delhi)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री (BBC documentary) के रिलीज होने के बाद से ही विवाद (BBC Contorversy) खड़ा हो गया है। भारत सरकार इस फिल्म से जुड़े वीडियो और क्लिप यूट्यूब (clip youtube) और ट्विटर पर ब्लॉक करने और प्रसारण को रोकने के निर्देश पहले ही दे चुकी है। लेकिन, दिल्ली से लेकर हैदराबाद तक शिक्षण संस्थानों में इस फिल्म को लेकर सियासत तेज हो गई है।
JNU विवि में आज रात फिल्म की स्क्रीनिंग होनी है, इस पर प्रशासन ने यह कहकर रोक लगा दी है कि इससे शांति भंग हो सकती है। दूसरी ओर केंद्र के निर्देशों के बावजूद हैदराबाद विश्वविद्यालय परिसर में इस विवादित फिल्म की स्क्रीनिंग कराई गई। सफाई में छात्रसंघ कह रहा है कि उसने कुछ गलत नहीं किया, दूसरी ओर एबीवीपी की शिकायत पर प्रशासन ने ऐक्शन लेने की बात कही है।
बता दें कि जेएनयू की करें तो यहां छात्रों के एक समूह ने डॉक्यूमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” की स्क्रीनिंग के लिए एक पैम्फलेट जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि फिल्म की स्क्रीनिंग आज यानी 24 जनवरी को रात 9 बजे दिखाई जाएगी। प्रशासन का कहना है कि इस आयोजन को लेकर उनसे कोई अनुमति नहीं ली गई। इस तरह की अनधिकृत गतिविधि से विश्वविद्यालय परिसर की शांति और सद्भाव भंग हो सकता है।
प्रशासन ने एक नोट जारी करते हुए कहा कि संबंधित छात्रों या व्यक्तियों को दृढ़ता से प्रस्तावित कार्यक्रम को तुरंत रद्द करने की सलाह दी जाती है। निर्देशों का पालन न करने की सूरत पर विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
विदित हो कि “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” शीर्षक वाली बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 2002 के गुजरात दंगों के बाद की घटनाओं को दिखाती है और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में दंगों से निपटने पर सवाल उठाती है। इस बीच, सरकार ने इस शॉर्ट फिल्म को “प्रचार का टुकड़ा” कहा और कथित तौर पर इसके लिंक साझा करने वाले कई YouTube वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए।
उधर, केंद्र द्वारा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण को रोकने के कुछ दिनों बाद हैदराबाद विश्वविद्यालय परिसर में इसकी स्क्रीनिंग देखी गई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने सोमवार को प्रशासन के अधिकारियों के पास एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि छात्रों ने परिसर में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री देखी। मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि वे प्राप्त शिकायत के आधार पर एक रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा विभाग की रिपोर्ट का इंतजार है और उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। उधर, छात्र संघ ने कुछ भी ‘अवैध या गलत’ करने से इनकार किया है। वहीं, गाछीबौली पुलिस के मुताबिक अभी तक स्क्रीनिंग को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है।
BBC की डॉक्यूमेंट्री पर US ने भी दी अपनी प्रतिक्रिया
अमेरिका (America) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस से सोमवार को इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने जवाब दिया कि मैं उस वृत्तचित्र से परिचित नहीं हूं जिसका आप उल्लेख कर रहे हैं, हालांकि, मैं उन साझा मूल्यों से बहुत परिचित हूं जो संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत को दो संपन्न और जीवंत लोकतंत्रों के बीच हैं।
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