इंदौर में है सबसे आधुनिक सेंटर, 10 हजार से अधिक cctv कैमरों की मदद से ऑनलाइन निगरानी, 18 करोड़ खर्च कर रहा है शासन
इंदौर। एआईसीटीएसएल मुख्यालय (AICTSL Headquarters) में जो कंट्रोल कमांड सेंटर (Control Command Center) स्थापित किया गया है वह सबसे आधुनिक सेंटर (Modern Center) है, जिसकी मदद से अभी पुलिस, प्रशासन और नगर निगम (municipal Corporation) ने कोरोना नियंत्रण से लेकर चलाए गए वैक्सीनेशन अभियान की भी मॉनिटरिंग की। अब इसी तर्ज पर प्रदेश के सभी प्रमुख जिलों में सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। 52 जिलों में से 45 जिलों में जिला कमांड एवं कंट्रोल कॉल सेंटर की स्थापना के साथ 7 स्मार्ट सिटी वाले जिलों में इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर रहेंगे, जिनमें इंदौर का सबसे अव्वल है। इन सेंटरों के माध्यम से रेस्क्यू ऑपरेशन लाइव देखे जा सकेंगे। 10 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरों (cctv cameras) की मदद से ऑनलाइन मॉनिटरिंग तो होगी ही, वहीं ड्रोन (drone) की सहायता से लाइव फुटेज भी प्राप्त किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने कल राज्य स्तरीय सिच्युएशन रूम के साथ ही होम गार्ड मुख्यालय में स्थापित कंट्रोल कमांड सेंटर का लोकार्पण किया। अब इस सेंटर के माध्यम से आपदा प्रबंधन बेहतर तरीके से किया जा सकेगा। आगजनी, दुर्घटना, भूकंप से लेकर कोरोना जैसी महामारी में भी ये सेंटर उपयोगी साबित होंगे। इस अवसर पर बचाव और राहत कार्यों की लाइव मॉनिटरिंग भी देखी जा सकेगी। कल इसका एक लाइव डेमो नदी में डूबते लोगों को बचाने का किया गया। वहीं धर्मस्थलों और मेला स्थलों पर जो भीड़ जुटती है उसकी भी लाइव मॉनिटरिंग की जा सकेगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री के समक्ष गृह विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजोरा ने प्रजेंटेशन भी दिया। दरअसल, पिछले दिनों ही शासन ने राज्य स्तरीय सिचुएशन रूम के अलावा सभी 52 जिलों में कंट्रोल सेंटरों की स्थापना की मंजूरी दी थी। राज्य स्तरीय सेंटर में एक हजार एमबीपीएस लीज्ड लाइन के माध्यम से सभी तरह के डाटाबेस रहेंगे। यहां तक कि प्रदेश के जो बांध है उनके जल स्तर, गेट खोलने की स्थिति, मौसम विभाग, डायल-100 और डायल 108 के तहत एम्बूलेंस और अन्य वाहनों का रियल टाइम डाटाबेस उपलब्ध हो सकेगा। वहीं ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए जो 10 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे विभिन्न शहरों में लगे हैं उनकी भी लाइव फीड और उसके अलावा स्मार्ट सिटी के तहत भी जो 500 से अधिक सेंटर हैं उनकी लाइव मॉनिटरिंग हो सकेगी। इसके तहत कुल 16 विभागों के लाइव फीड का इस्तेमाल आपदा में किया जा सकेगा। वीडियो कान्फ्रेंसिंग, टेलीफोनी, नेट कनेक्टीविटी से भी ये सभी 52 जिलों के सेंटर जुड़े रहेंगे और आपदा की लोकेशन से लाइव फीड प्राप्त करने के अलावा ड्रोन (drone) के माध्यम से भी आपदा स्थल की लाइव फुटेज प्राप्त की जाएगी। इन सभी कंट्रोल सेंटर पर प्रशिक्षित कर्मचारियों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है, ताकि 365 दिन ही सुचारू रूप से ये सेंटर संचालित हो सकें। होमगार्ड मुख्यालय पर जो राज्य स्तरीय कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया गया है उसका संचालन एसडीईआरएफ के साथ होम गार्ड सैनिकों द्वारा किया जाएगा। इन सभी पर 18 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जा रही है। कानून व्यवस्था, उपार्जन की समीक्षा, सीएम हेल्पलाइन और नागरिकों के फीडबैक आदि का इस्तेमाल भी आपदा प्रबंधन के मामले में किया जा सकेगा।
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