एयरपोर्ट से सीधी कनेक्टिविटी, होटल, आईटी सहित कई गतिविधियां आएंगी
इंदौर। पीथमपुर मास्टर प्लान (Pithampur Master Plan) के साथ ही इंदौर-पीथमपुर (Indore-Pithampur) इकोनॉमी कॉरिडोर (Economy Corridor) पर भी काम चल रहा है। अभी मास्टर प्लान (Master Plan) की सुनवाई के दौरान गठित हाईपॉवर कमेटी (High Power Committee) ने इकोनॉमी कॉरिडोर का कंट्रोल एरिया (Control Area) 500-500 की बजाय 300-300 मीटर रखना तय किया। शासन ने भी इस कॉरिडोर को निर्धारित कंट्रोल एरिया के साथ मंजूरी दे दी है। बिजासन माता मंदिर (Bijasan Mata Mandir) से राऊ-पीथमपुर रोड और इंदौर-अहमदाबाद रोड को क्रॉस करते हुए एबी रोड को जोडऩे वाली 75 मीटर चौड़ी और 15 मीटर लम्बी सडक़ के किनारे यह कॉरिडोर रहेगा, जहां पर होटल, आईटी सहित अन्य औद्योगिक गतिविधियां रहेंगी। वहीं फिन्टैक सिटी दलाल स्ट्रीट मुंबई की तरह इसे विकसित करने के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। एयरपोर्ट से पीथमपुर की कनेक्टीविटी और आसान रहेगी और मात्र 15 मिनट में पहुंचा जा सकेगा।
मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम ने इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमी कॉरिडोर का प्रस्ताव तैयार किया है। अभी सुनवाई के बाद इसे भोपाल मंजूरी के लिए भेजा और तुरंत ही शासन ने मंजूरी दे दी। एमपीएसआईडीसी के रोहन सक्सेना ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इकोनॉमी कॉरिडोर को शासन की मंजूरी मिल गई है और दोनों तरफ का कंट्रोल एरिया भी 300-300 मीटर निर्धारित किया गया है। पिछले दिनों नगर निगम तथा ग्राम निवेश ने इसे मास्टर प्लान में शामिल करते हुए प्रस्तावित कॉरिडोर के दोनों तरफ अभिन्यासों की मंजूरी पर रोक भी लगा दी। पिछले कई महीनों से इस कॉरिडोर पर काम चल रहा है। फिन्टैक सिटी दलाल स्ट्रीट, आईटी हब से लेकर 20 मंजिला या उससे अधिक ऊंची इमारतें भी बनेगी। हजारों करोड़ का निवेश आएगा और 25-30 हजार लोगों को रोजगार मिलने की भी संभावना है। औद्योगिक, व्यापारिक व अन्य गतिविधियों के साथ आवासीय टाउनशिप भी विकसित होगी। कॉरिडोर के दोनों तरफ डेढ़ हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन विकसित की जाएगी। बिजासन मंदिर से शुरू होकर पीथमपुर तक यह कॉरिडोर निर्मित होगा। इससे इंदौर-अहमदाबाद से तो सीधा जुड़ाव होगा ही, वहीं एयरपोर्ट से भी मात्र 15 मिनट में पीथमपुर पहुंचा जा सकेगा। कॉरिडोर के दोनों तरफ के विकास कार्य एमपीआईडीसी द्वारा ही किए जाएंगे। मेट्रो लाइन, स्टेडियम, अन्य टर्मिनल, गारमेंट कॉम्प्लेक्स, सुपर मार्केट, ट्रेड सेंटर, बिजनेस क्लस्टर, ट्रेनिंग व एज्युकेशन इंडस्ट्रीज, डेटा सेंटर लॉजिस्टिक पार्क, बैंकिंग, ट्रेडिंग से लेकर आईटी, होटल सहित तमाम गतिविधियां इस कॉरिडोर पर निकट भविष्य में आएंगी। पिछले दिनों कलेक्टर मनीष सिंह ने भी इसकी समीक्षा के दौरान इंदौर के लिए इस कॉरिडोर को अत्यंत ही महत्वपूर्ण बताया, जिससे इंदौर क्षेत्र में औद्योगिक और व्यवसायिक गतिविधियों में तेजी से इजाफा भी होगा। इसमें कॉरिडोर के तहत नैनोद, कुर्डियाबर्डी, रिजलाय बिसनावदा, सिंहासा, नावदापंथ, श्रीराम तलावली, सिंदोड़ा, सिंदोड़ी, शिवखेड़ा जैसे इंदौर के प्लानिंग एरिया तो जुड़ेंगे ही, वहीं पीथमपुर के प्लानिंग एरिया से जुड़े नरलाय, मोकलाय, सोनवाय, भैंसलाय, बगोदा, धन्नड़ जैसे क्षेत्रों को भी फायदा मिलेगा। इसमें 300 से अधिक औद्योगिक भूखंड रहेंगे। वहीं 30 से 40 हजार की आबादी के मान से आवासीय भूखंडों को विकसित किया जाएगा, तो 20 हजार करोड़ रुपए तक का निवेश संभावित है, जिससे दो से तीन हजार का सालाना जीएसटी सरकार को मिलेगा। वहीं 5 से 10 साल में 400 से 500 करोड़ की स्टाम्प ड्यूटी की आय भी होगी।
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