इंदौर। एक तरफ स्टार्टअप पॉलिसी की लॉन्चिंग और उनकी मांग पर देर रात तक शहर में रेस्टोरेंट, होटल सहित अन्य गतिविधियों को शुरू करने की पहल की जा रही है, तो दूसरी तरफ पुलिस 12 बजे से ही शहर बंद करवा देती है। इतना ही नहीं, आबकारी विभाग ने साढ़े 11 बजे तक शराब परोसने के लाइसेंस दिए हैं, तो दूसरी तरफ पुलिस ने 11 बजे तक ही शराब परोसने के फरमान जारी कर दिए। होटल एसोसिएशन ने भी इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि अगर ऐसा है तो फिर आधे घंटे पहले बंद करवाने से जो नुकसान होगा उसकी क्षतिपूर्ति शासन करे और लाइसेंस फीस भी घटाए। आपराधिक घटनाएं रोकने और शराबखोरी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस सख्ती कर रही है। कल पब संचालकों की बैठक में पुलिस ने अपने द्वारा तय किए गए फरमान सुनाए।
अभी पिछले दिनों ही मुख्यमंत्री की मौजूदगी में स्टार्टअप और आईटी सेक्टर से जुड़े लोगों ने यह मांग रखी थी कि चूंकि कॉल सेंटरों सहित आईटी कम्पनियों में रातभर काम होता है, लिहाजा होटल, रेस्टोरेंट सहित अन्य गतिविधियां चालू रखी जाए, जिसमें परिवहन की सुविधा भी शामिल है। नतीजतन कलेक्टर मनीष सिंह ने श्रम विभाग को पत्र लिखकर रात 12 बजे बाद भी चुनिंदा क्षेत्रों में इस तरह की गतिविधियों को अनुमति देने को कहा और बकायदा गजट नोटिफिकेशन भी शासन ने कर दिया है। हालांकि अभी ये गतिविधियों शुरू नहीं हो सकी। मगर आईटी सहित स्टार्टअप में जो युवा आते हैं वे नाइट लाइफ के आदी होते हैं। जिस तरह बैंगलुरु में पब कल्चर है और वो आईटी राजधानी भी, उसी तर्ज पर इंदौर में भी इस तरह गतिविधियों को देर रात तक शुरू करने की मांग की जाती रही है।
पुलिस ने कल पब संचालकों की बैठक लेकर साढ़े 10 बजे तक म्यूजिक, 11 बजे तक शराब परोसने के साथ 12 बजे पब बंद कर देने के निर्देश दिए। वहीं सिगरेट के खुले पैकेट ले जाने पर भी पाबंदी लगा दी। 21 साल से कम उम्र के युवाओं का प्रवेश भी रोका जाएगा। यह तो ठीक है, मगर सवाल यह है कि जब आबकारी विभाग की लाइसेंस शर्त में ही यह स्पष्ट है कि रात साढ़े 11 बजे तक शराब परोसी जा सकती है और बार बंद करने का समय 12 बजे निर्धारित किया गया है। इसकी पुष्टि उपायुक्त आबकारी राजनारायण सोनी ने भी की।
वहीं दूसरी तरफ एडिशनल डीसीपी राजेश व्यास ने 11 बजे तक ही शराब परोसने की बात पब संचालकों से कही। यानी आधा घंटा पहले ही लाइसेंस शर्तों के विपरित पुलिस ने शराब परोसने पर रोक के फरमान जारी कर दिए। पिछले दिनों कुछ घटनाएं पबों के संबंध में सामने आई, जिसकी रोकथाम के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ लोगों का कहना है कि अपराध रोकना पुलिस का काम है, मगर उसके लिए कफ्र्यू नहीं लगाया जा सकता। इस तरह ेके प्रतिबंध से होटल, रेस्टोरेंट इंडस्ट्रीज को भी नुकसान होता है और बाहर से आने वाले लोग भी परेशान होते हैं। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमित सूरी का कहना है कि लाइसेंस शर्तों के विपरित इस तरह के निर्णय नहीं लिए जा सकते और इस संबंध में एसोसिएशन भी अपनी आपत्ति दर्ज करवाएगा।
महिला बाउंसर करेगी जांच – व्हाट्सएप ग्रुप पर डालें फोटो…
पब संचालकों को पुलिस ने निर्देश दिए कि 12 बजे बंद कर उसके फोटो व्हाट्सएप डालें और युवक-युवती के प्रवेश से पहले उनकी उम्र की जानकारी ली जाए और महिला बाउंसरों से युवतियों की जांच भी करवाएं। खुली सिगरेट में मादक पदार्थ भरकर युवा पब में ले जाते हैं, लिहाजा खुली सिगरेट पर भी प्रतिबंध लगा दिया।
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