जबलपुर। जिले की शराब दुकानों के नवीनीकरण में ज्यादातर ठेकेदारों ने दिलचस्पी दिखाई है। फायदे को ध्यान में रखते हुए अभी तक 45 में 24 समूह की दुकानों के नवीनीकरण के आवेदन आबकारी विभाग को मिल गए हैं। इसमें आरक्षित मूल्य का 46 प्रतिशत राजस्व मिल जाएगा। अब बाकी समूहों के लिए लॉटरी निकाली जा रही हैै। इसमें यदि 70 प्रतिशत राजस्व मिल जाता है तो बांकी की दुकानों के लिए ई-टेंडर किया जाएगा। जानकारी अनुसार जिले में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में 142 कंपोजिट शराब की दुकानें हैं। इनका आवंटन तीन प्रकार की प्रक्रियाओं के माध्यम से किया जाना है। लेकिन अभी 50 फीसदी से ज्यादा दुकानों के नवीनीकरण की सहमति शराब ठेकेदारों ने दिखा दी है। ऐसे में बचे हुए 21 समूहों में अधिकांश लॉटरी के माध्यम से आवंटित हो सकते हैं। इसकी वजह यह है कि यदि मामला ई-नीलामी तक पहुंचता है तो उन्हें ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है।
अहातों को बंद करने का पत्र
इस बीच आगामी एक अप्रेल से जिले में शराब दुकानों के अहाते बंद हो जाएंगे। इनका संचालन नहीं किया जा सकेगा। इसका उल्लेख आबकारी विभाग ने ठेके लिए जारी फॉर्म में किया है। जिले में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में 84 अहातों का संचालन किया जाता है। यह 31 मार्च तक चलेंगे। इसके बाद कोई भी व्यक्ति इनका संचालन कर सकेगा। उसमें बैठकर शराब का सेवन भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। ठेकेदारों ने जिन दुकानों को इस काम के लिए लिया था। अब उन्हें वापस किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
तालमेल बैठाने में जुटे
समूह भी आपस में तालमेल बैठाने में जुटे हैं। क्योंकि आबकारी नीति में आरक्षित मूल्य पर ही नवीनीकरण और लॉटरी की प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है। लेकिन ई-नीलामी में ज्यादा मूल्य भी चुकाना पड़ सकता है। अब यदि लॉटरी से बांकी दुकानें आवंटित होती हैं तो ई.नीलामी की नौबत नहीं आएगी। नए वित्तीय वर्ष में जिले की शराब दुकानों से 720 करोड़ 70 लाख 10 हजार रुपए के राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा गया है।
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