नई दिल्ली (New Dehli)। एक रिसर्च (Research) में यह दावा (Claim) किया गया कि नींद की कमी ब्रेन फंक्शन्स (brain functions) पर बुरा असर डालती है और वक्त के साथ व्यक्ति को कई मानसिक बीमारियों (mental illnesses) का शिकार बना सकती है । स्वस्थ रहने के लिए जितनी जरूरत (Need) खाने और पानी की है, उतनी ही जरूर नींद (Sleep) की भी होती है. जब आप अच्छी और गहरी नींद लेते हैं तो दिमाग रिलैक्स करता है और बॉडी खुद को रिपेयर करती है. अच्छी नींद शरीर के साथ ही आपके ब्रेन फंक्शन्स को भी बेहतर करती है. वहीं, इसके उलट अगर आप अच्छी नींद नहीं लेते हैं तो इससे आपके मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर असर पड़ता है।
एक रिसर्च में दावा किया गया है कि कम नींद आपके दिमाग को डैमेज कर सकती है और आपको कई बीमारियों का शिकार बना सकती है.
रिसर्च में वैज्ञानिकों ने किया ये दावा
भले ही आप इस बात को लेकर चिंतित ना हों कि फिल्म देखने या किसी काम की वजह से रात को दो या तीन बजे तक जागने से आपकी नींद पूरी नहीं होगी लेकिन लंबे समय तक यह लापरवाही आपकी दिमाग की क्षमता को प्रभावित कर सकती है और ऐसा दावा इस रिसर्च में किया गया है.
चूहों के दिमाग पर की गई रिसर्च में यह बताया गया कि नींद की कमी Cognitive Disfunctions (सोचने-समझने, निर्णय लेने की क्षमता) से जुड़ी है. यह अध्ययन अमेरिकन केमिकल सोसायटी के जर्नल ऑफ प्रोटीन रिसर्च में प्रकाशित हुआ है. शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में दिमाग के एक ऐसे प्रोटेक्टिव प्रोटीन को एनालिसिस किया जिसका स्तर कम नींद के कारण घट जाता है.
शोधकर्ताओं ने बताया कि प्लियोट्रोफिन या पीटीएन नामक यह प्रोटीन तंत्रिका तंत्र, हड्डी के विकास, सूजन, कैंसर मेटास्टेसिस और ऊतक की मरम्मत जैसी फंक्शन्स में बड़ा किरदार अदा करता है.
कई शोधकर्ताओं ने पाया कि कम पीटीएन से मस्तिष्क के स्मृति और सीखने के केंद्र हिप्पोकैम्पस की कोशिकाएं मरने लगती हैं. पीटीएन अल्जाइमर और अन्य न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों से भी जुड़ा है.
उन्होंने कहा कि नींद याददाश्त अच्छी रखने और सीखने की क्षमता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. नींद की कमी व्यक्ति की सही तरह से ध्यान केंद्रित करने और याद करने की क्षमता को बाधित करती है.
क्या बहुत अधिक नींद याददाश्त के लिए अच्छी है?
नहीं, ऐसा भी नहीं है. बहुत से लोग वीकेंड्स में लंबी नींद लेते हैं और सोचते हैं कि इससे उनकी पूरे हफ्ते की कम नींद की भरपाई हो जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं है. वर्ष 2020 में जर्नल ऑफ द अमेरिकन जेरियाट्रिक्स सोसाइटी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, कम सोने वाले और अधिक सोने वाले लोग मानसिक रूप से उन लोगों की तुलना में दो साल पहले जल्दी बूढ़े होते हैं जो एक दिन में जरूरी 7-8 घंटे की नींद लेते हैं. इस अध्ययन के लिए 1986 और 2000 में महिलाओं के एक समूह का आकलन किया गया. बाद के छह वर्षों की अवधि में उनका तीन बार एनालिसिस किया गया और उनकी स्मृति और सोचने-समझने की क्षमता का विश्लेषण किया गया.
अच्छी नींद के लिए क्या करें
अपनी लाइफस्टाइल को बैलेंस करें और टाइम पर सोएं-जागें.
दिन में एक बार व्यायाम जरूर करें.
सोने से पहले चाय या शराब पीने से बचें
खाना खाने के बाद तुरंत सोने न जाएं.
रात का भोजन सोने से कम से कम 2-3 घंटे पहले कर लें
सोने से पहले स्क्रीन लाइट जैसे मोबाइल या टीवी के सामने घंटों तक बैठने से बचें
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