उज्जैन। नगर निगम का संपत्ति कर का आंकड़ा इस बार 38 करोड़ पार हो गया है जो अब तक के नगर निगम के इतिहास में सबसे बड़ी वसूली है। पिछले वर्ष से 11 करोड़ रुपए अधिक की वसूली नगर निगम ने इस बार की है। देर रात तक कल कर्मचारी वसूली का हिसाब किताब कर रहे थे। नगर निगम द्वारा इस वित्तीय वर्ष में शुरुआत से ही संपत्ति कर वसूलने के लिए कर्मचारियों को बड़ी संख्या में लगाया गया था। बकायेदारों की सूची बनाकर डिमांड बिल लेकर कर्मचारियों ने घर-घर दस्तक दी और वसूली के लिए वेन भी लगाई तथा डिजिटल रूप से भी संपत्ति कर भरने के लिए लोगों को प्रेरित किया। इसका परिणाम यह निकला कि पूरे वित्तीय वर्ष में 38 करोड़ 1 लाख 33 हजार 103 रुपए की वसूली कल तक नगर निगम ने की। पिछले 10 दिनों से नगर निगम के कर्मचारी झोन कार्यालयों में देर शाम तक काम कर रहे थे।
कल भी रात की 1 बजे तक संपत्ति कर का हिसाब-किताब नगर निगम की अकाउंट शाखा में चलता रहा। पूरी राशि जमा करवाकर नगर निगम के कर्मचारी गए। दिनभर संपत्ति कर के भरने के लिए नगर निगम में भीड़ रही। संपत्ति कर वसूली पर कल देर रात तक निगमायुक्त रोशन सिंह, अपर आयुक्त आदित्य नागर और नोडल अधिकारी सीएस निगम मानिटरिंग कर रहे थे। उपायुक्त सीएस निगम ने बताया पहले हम मानकर चल रहे थे कि 30 करोड़ तक पहुँच जाएँगे लेकिन बाद में 35 करोड़ की बात होने लगी और फिर निगम आयुक्त ने हमें निर्देशित किया कि 38 करोड़ संपत्ति कर इस बार वसूल हो, कर्मचारियों ने जमकर मेहनत की और उसका परिणाम निकला कि हमने 38 करोड़ का आंकड़ा भी पार कर लिया।
प्रदेश में सबसे
संपत्ति कर वसूली में पूरे प्रदेश में उज्जैन नगर निगम पहले स्थान पर है। नगर निगम की कुल दर्ज संपत्ति 1 लाख 35 हजार के करीब है। इनमें से 66150 संपत्तियों से नगर निगम ने वसूली की है। इस प्रकार कुल 46 प्रतिशत नगर निगम ने संपत्ति कर वसूला है जो सभी नगर निगमों से रिकॉर्ड में ऊपर है।
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