नई दिल्ली। कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव (Congress President Election) की घोषणा होने के साथ ही सबकी नजरें अब जी-23 नेताओं (G-23 Leaders) पर टिकी हैं। सबके जेहन में एक ही सवाल है कि क्या अध्यक्ष पद पर कांग्रेस में तीसरी बार मुकाबला होगा। गौरतलब है कि पिछले तीन दशक में दो बार कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ है। माना जा रहा है कि अगर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कांग्रेस अध्यक्ष बनने को तैयार नहीं होते हैं तो जी-23 का कोई नेता इस पद के लिए चुनाव लड़ सकता है। खबरों के मुताबिक, शशि थरूर (Shashi Tharoor), मनीष तिवारी (Manish Tewari) या पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) मैदान में कूद सकते हैं।
शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर चुनाव लड़ने की संभावनाएं तलाश रहे
इसी बीच सूत्रों ने जानकारी दी है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर चुनाव लड़ने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। हालांकि, अभी उन्होंने इस पर अंतिम फैसला नहीं किया है। सूत्रों ने बताया कि थरूर ने अभी अपना मन नहीं बनाया है लेकिन वह जल्द ही इस पर निर्णय ले सकते हैं।
स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने का आह्वान किया
हालांकि, थरूर ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि वह इस मुकाबले में शामिल होंगे या नहीं। उन्होंने मलयालम के दैनिक अखबार में एक लेख लिखा है, जिसमें उन्होंने ‘‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष’’ चुनाव कराने का आह्वान किया है। इस लेख में उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की दर्जन भर सीटों के लिए भी पार्टी को चुनाव की घोषणा करनी चाहिए।
जी-23 नेताओं के समूह में शामिल थे शशि थरूर
थरूर ने कहा, “एआईसीसी और पीसीसी प्रतिनिधियों से पार्टी के सदस्यों को यह फैसला करने की अनुमति देने से कि इन प्रमुख पदों पर पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा, इससे आने वाले नेताओं के समूह को वैध बनाने और पार्टी का नेतृत्व करने के लिए उन्हें विश्वसनीय जनादेश देने में मदद मिलेगी।’’ बता दें कि शशि थरूर भी उन 23 नेताओं के समूह में शामिल थे, जिन्होंने 2020 में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठनात्मक सुधारों की मांग की थी।
कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक शुरुआत: थरूर
तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा, “फिर भी एक नए अध्यक्ष का चुनाव करना कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक शुरुआत है, जिसकी कांग्रेस को सख्त जरूरत है।” उन्होंने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि चुनाव के लिए कई उम्मीदवार सामने आएंगे। पार्टी तथा देश के लिए अपने विचारों को सामने रखना निश्चित तौर पर जनहित को जगाएगा।’’ थरूर ने कहा कि हालांकि, पार्टी को पूरी तरह से पुनर्जीवित करने की जरूरत है, लेकिन नेतृत्व के जिस पद को तत्काल भरने की जरूरत है वह स्वाभाविक रूप से कांग्रेस अध्यक्ष का पद है।
थरूर ने कहा कि चुनाव के अन्य लाभकारी प्रभाव भी हैं – उदाहरण के लिए, “हमने हाल ही में नेतृत्व की दौड़ के दौरान ब्रिटिश कंजरवेटिव पार्टी में वैश्विक रुचि देखी है, एक घटना जिसे हम 2019 में पहले ही देख चुके हैं, जब एक दर्जन उम्मीदवारों ने थेरेसा मे को बदलने के लिए चुनाव लड़ा था, और बोरिस जॉनसन शीर्ष पर उभरे थे”। उन्होंने लिखा, “इस कारण से, मुझे उम्मीद है कि कई उम्मीदवार खुद को पेश करने के लिए आगे आएंगे। पार्टी और राष्ट्र के लिए अपने दृष्टिकोण को सामने रखने से निश्चित रूप से जनहित में हलचल होगी।”
दो बार हो चुका हैं कांग्रेस में अध्यक्ष पद पर चुनाव
1997 में सीताराम केसरी के खिलाफ शरद पवार और राजेश पायलट ने पर्चा भरा था, जहां केसरी को जीत मिली। केसरी को जहां 6224 वोट मिले तो वहीं पवार को 882 और पायलट को 354 वोट मिले थे। दूसरी बार वोटिंग की नौबत 2000 में तब आई, जब सोनिया गांधी को कांग्रेस के भीतर से दिग्गज नेता जीतेंद्र प्रसाद से चुनौती मिली। उस चुनाव में सोनिया गांधी को जहां 7448 वोट मिले, वहीं प्रसाद को कुल 94 वोट मिले थे।
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