ब्रुसेल्स। यूजर्स की निजी जानकारियां जमा करके निजता हनन करने पर फेसबुक के खिलाफ उपभोक्ता अधिकार संगठन भी केस कर सकते हैं। यह दावा बृहस्पतिवार को फेसबुक के खिलाफ एक मुकदमे की लक्समबर्ग स्थित यूरोपीय संघ की न्यायिक अदालत में जारी सुनवाई में यहां के सलाहकार ने किया।
यूरोप में फेसबुक के खिलाफ इस विचाराधीन मामले जैसे कई मुकदमे चल रहे हैं। सुनवाई में महाधिवक्ता रिचर्ड डे ला टूर ने कहा कि यूरोपीय संघ के सभी देश अपने यहां उपभोक्ता संगठनों को फेसबुक पर केस करने दें। यूजर्स के हितों में घुसपैठ की गई है, इस पर कार्रवाई के लिए मुकदमे हो सकते हैं। उन्होंने जनरल डाटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन का उल्लेख कर कहा कि यह यूजर्स को अधिकार देता है।
क्या था मामला : ऑनलाइन गेम खिला रही कंपनियों को निजी डाटा जमा करने दिया था
मामला संक्षेप में 2012 में दायर इस मुकदमे में फेसबुक पर आरोप है कि उसने अपने प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन गेम खिला रहीं कंपनियों को यूजर्स का निजी डाटा बिना उनकी स्पष्ट अनुमति के अनुचित ढंग से जमा करने दिया। इसके खिलाफ जर्मन उपभोक्ता अधिकार संगठनों ने मुकदमा किया।
उनका कहना है कि फेसबुक के एप सेंटर से यूजर्स का डाटा बिना अनुमति लिया गया, इनमें निजी जानकारियां व ईमेल पते आदि शामिल थे। इससे निजी जानकारी सावर्जनिक होने की आशंका है। जर्मनी की निचली अदालत ने संगठनों के हक में निर्णय दिया था, जिसके खिलाफ फेसबुक ने अपील की है।
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