इन्दौर। पश्चिम रेलवे रतलाम रेल मंडल अप्रैल तक लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन (Laxmibai Nagar Railway Station) के पुनर्विकास के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति कर देगा। इसके लिए कंसल्टेंट से प्रस्ताव पहले ही मांगे जा चुके हैं। कंसल्टेंट लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन क्षेत्र की उपलब्ध जमीन और मैदानी स्थिति का सर्वे कर प्रोजेक्ट बनाएगा और रेलवे को सुझाएगा कि वहां कौन-कौन से विकास कार्य किए जा सकते हैं।
रेल मंत्रालय (ministry of railways) ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत इंदौर के लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन (Laxmibai Nagar Railway Station of Indore) को पुनर्विकास के लिए चुना है। इस स्टेशन को ट्रेनों के लिए ओरिजनेटिंग और टर्मिनेटिंग स्टेशन बनाने की योजना है। यानी यहीं से ट्रेनें शुरू होंगी और समाप्त होंगी। इंदौर स्टेशन पर ट्रेनों के दबाव को कम करने के लिए यह काम बहुत जरूरी हो गया है। सूत्रों ने बताया कि कंसल्टेंट को अपनी रिपोर्ट तैयार करने में कम से कम चार-पांच महीने का समय लग सकता है। इस दौरान वह जनप्रतिनिधियों के भी सुझाव लेगा और उन्हें प्रोजेक्ट में शामिल करेगा। पुनर्विकास योजना के तहत लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन का माल गोदाम को दो हिस्सों में शिफ्ट किया जाना है। एक माल गोदाम इंदौर-देवास रेल लाइन पर मांगलिया और दूसरा इंदौर-फतेहाबाद रेल लाइन पर स्थित पालिया स्टेशन पर बनाने का विचार है। इससे माल गोदाम के प्लेटफॉर्म खाली हो सकेंगे, जिन्हें पैसेंजर प्लेटफॉर्म में बदला जा सकेगा। कंसल्टेंट यह भी सुझाएगा कि वहां कितने नए प्लेटफॉर्म बनाए जा सकते हैं और टर्मिनल स्टेशन बनाने के लिए वहां कितने काम जरूरी रूप से करवाना होंगे और उन पर कितनी राशि खर्च करना होगी।
दूसरी तरफ की एप्रोच ढंग की नहीं
एमआर-4 बनने के बाद लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन आने-जाने के लिए भागीरथपुरा तरफ तो अच्छी एप्रोच रोड मिल गई है, लेकिन स्टेशन की दूसरी तरफ बाणगंगा की ओर ढंग की एप्रोच रोड नहीं है। इसे लेकर भी कंसल्टेंट कुछ सुझाव दे सकता है। स्टेशन का विकास देवास-इंदौर रेल लाइन दोहरीकरण प्रोजेक्ट के तहत भी किया जा रहा है और वहां नया प्लेटफॉर्म बनाने की तैयारी है।
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