सीहोर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सीहोर जिला मुख्यालय (Sehore District Headquarters) के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में आगामी डेढ़ महीने में तिरुपति और शिर्डी से भी बड़ी भोजनशाला का निर्माण (construction of restaurant) कार्य पूर्ण हो जाएगा। इसको लेकर भागवत भूषण गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा ने यहां पर जारी अत्याधुनिक और आटोमेटिक किचन का जायजा लिया। मंदिर परिसर करीब 50 एकड़ से अधिक हिस्से में गौशाला, शिवलिंग का निर्माण सहित अन्य का निर्माण कार्य जारी है।
वहीं, 21 हजार स्क्वॉयर फीट से अधिक हिस्से में आधुनिक रसोई घर का निर्माण किया जाएगा। देश की सबसे अत्याधुनिक और आटोमेटिक किचन में एक वक्त में 50 हजार से अधिक लोग भोजन प्रसादी प्राप्त कर पाएंगे। अगर एक दिन की क्षमता की बात करें तो एक लाख श्रद्धालुओं को भी भोजन प्रसादी उपलब्ध करवाया जा सकता है। उसके मुताबिक किचन से लेकर सभी सुविधाएं जुटाई गई हैं।
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि देश ही नहीं मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध कुबेरेश्वरधाम मंदिर को हाईटेक बनाने का काम लगातार चल रहा है। अब मंदिर में देश की सबसे आधुनिक भोजशाला तैयार की जा रही है। ये शिर्डी और तिरुपति से भी ज्यादा बड़ी होगी। बाबा के दरबार में दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को भोजन प्रसादी का लाभ मिल सकेगा। यहां अत्याधुनिक और आटोमेटिक किचन और डाइनिंग रूम बनाया जाएगा, जिसमें हजारों की संख्या में आने वाले भक्त एक साथ बैठकर खाना खा सकेंगे।
कुबेरेश्वरधाम मंदिर में लाखों की तादाद में श्रद्धालु दर्शन के लिए धाम पर आते हैं। यहां पर रुद्राक्ष महोत्सव और भागवत भूषण पंडित मिश्रा की प्रेरणाओं से प्रभावित होकर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई है। धाम अब जल्द ही पूरी तरह हाईटेक हो जाएगा। अब इसमें विशाल रसोई क्षेत्र बनाया जा रहा है। ये शिर्डी और तिरुपति मंदिर से भी ज्यादा आटोमेटिक और विशाल होगा। इसके लिए मशीन बनाने के ऑर्डर दिए गए हैं और कई मशीन यहां पर लगाई गई हैं। कुबेरेश्वरधाम के पीछे नए अन्न क्षेत्र में मशीन स्टॉल कर दी जाएगी। इस क्षेत्र में एक साथ 50 हजार से अधिक श्रद्धालु बैठकर खाना खा सकेंगे।
भागवत भूषण गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में नई भोजनशाला का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। डेढ़ महीने में इसका शुभारंभ हो जाएगा। कुबेरेश्वरधाम का आधुनिक किचन पूरी तरह भांप से भोजन तैयार होगा। ये ऑटोमोडेड रहेगा। बड़े-बड़े वैजल्स रहेंगे। दाल, चावल और सब्जियों के लिए टाइमर सेट रहेगा। आटोमेटिक चपाती मशीन होगी, कोल्ड स्टोरेज होगा, इसमें डिश वॉशर भी रहेंगे। इस भोजनशाला में एक लाख से अधिक लोग भोजन कर लें, इतना भोजन तैयार होगा। शिर्डी, तिरुपति बालाजी और वैष्णों देवी सहित अन्य तीर्थ स्थलों पर जो किचन चलते हैं, वैसा ही कुबेरेश्वरधाम में रसोई घर तैयार किया जाएगा। भरपेट भोजन की व्यवस्था के लिए अत्याधुनिक भोजनशाला का निर्माण किया जा रहा है।
धाम पर बनाए जा रहे रसोई घर में जो मशीनें हैं, वह सब्जी काटने, आटा गूथने, छानने से लेकर दाल-चावल, सब्जी पकाने का काम आटोमेटिक तरीके से करती है। वहीं, रोटी मेकर की भी विशाल मशीनें लगाई हैं, जो एक घंटे में हजारों की संख्या में रोटी बना देती हैं। सब्जी और अन्य सामग्री धुलकर कोल्ड स्टोरेज में रखने की भी सुविधा है। वहीं, भोजन परोसने के लिए स्टील की विशाल ट्रालियां भी बुलवाई गई हैं और ऑटोमैटिक डिश वॉटर प्लांट भी लगाया गया है। बारह से यह मशीन बुलवाई है, जो कि अपने आप बर्तन साफ कर सुखाकर बाहर निकाल देगी। करीब 21 हजार स्क्वॉयर फीट से अधिक में यह अन्नक्षेत्र बनाया गया है और इसके किचन की क्षमता एक दिन में एक लाख श्रद्धालुओं के भोजन प्रसादी तैयार करने की है। पीने के पानी के लिए भी आरओ वॉटर सिस्टम रहेगा। देश में कहीं पर भी इतना हाईटेक अन्न क्षेत्र फिलहाल नहीं है।
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