- महाकाल विस्तारीकरण योजना के तहत यहाँ पर भी विस्तारीकरण शुरु-प्राचीन मंदिर को मिलेगा नया स्वरूप
उज्जैन। महाकाल मंदिर विस्तारीकरण कार्य के साथ-साथ कालभैरव मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण का कार्य भी शुरु हो गया है। मंदिर के ठीक सामने काम अभी प्रारंभिक चरण में चल रहा है। कार्यों के चलते कालभैरव के दर्शन करने आ रहे श्रद्धालुओं को घूमकर मंदिर तक जाना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि महाकाल मंदिर क्षेत्र में लगभग 700 करोड़ से ज्यादा की लागत से महाकाल और रूद्रसागर क्षेत्र का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। इसी तरह भगवान महाकाल के कोतवाल कालभैरव के प्राचीन मंदिर के परिसर में भी विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण का कार्य अब शुरु हो गया है।
योजना के मुताबिक कालभैरव मंदिर के आसपास के कुछ मकानों की जमीन भी जिला प्रशासन अधिग्रहित कर चुका है। जहाँ विधिवत जमीनों का अधिग्रहण हो गया है वहाँ अब काम की शुरुआत कर दी गई है। सबसे पहले मंदिर के ठीक सामने वाले भाग में काम की शुरुआत की गई है। यहाँ परिसर के सौंंदर्यीकरण के लिए पत्थर लगाए जा रहे हैं। इधर परिसर में निर्माण और सौंदर्यीकरण का कार्य शुरु हो जाने के बाद श्रद्धालुओं को पहले मंदिर के मुख्य द्वार से सीधे प्रवेश की सुविधा थी। परंतु अब उन्हें घूमकर मंदिर तक जाना पड़ रहा है। इधर मान्यता है कि भगवान कालभैरव के दर्शन करने जो भी भक्त आते हैं वे अगर अपनी मान का धागा परिसर में बांधते हैं तो जल्द ही वह मान पूरी हो जाती है। यही कारण है कि मंदिर परिसर में लगे बेरिकेट्स श्रद्धालुओं द्वारा बाँधे गए मान के धागों से पूरी तरह भर गए हैं। कालभैरव मंदिर के सौंदर्यीकरण का कार्य अभी पहले चरण में ही है और शुरुआत हुई है।