इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट (metro project) तेज गति से एमआर-10 (MR-10) पर चल रहा है। पिछले दिनों कॉस्टिंग यार्ड (costing yard) में तैयार किए गए प्री-कॉस्ट सेगमेंट को लगाया गया। अब उसके बाद गर्डर लॉन्चिंग की तैयारी की जा रही है। वहीं 75 एकड़ जमीन पर सुपर कॉरिडोर में गांधी नगर के पास मेट्रो डिपो का निर्माण भी शुरू हो गया, जिसके लिए लखनऊ की फर्म को लगभग 247 करोड़ का ठेका दिया गया है। इसमें कुछ जमीन गांधी नगर संस्था से भी ली जा रही है। वहीं पूर्व में सरकारी और वन विभाग की जमीन हासिल कर कार्पोरेशन को सौंपी गई।
एयरपोर्ट से लेकर एमआर-10 होते हुए रिंग रोड पर शहीद पार्क और उसके आगे रोबोट चौराहा तक काम चल रहा है। 200 से अधिक पिलरों काा निर्माण भी हो चुका है, जहां पर अब गर्डर डालने से लेकर मेट्रो स्टेशन सहित अन्य काम भी शुरू हो गए हैं। 75 एकड़ जमीन पर विशाल मेट्रो डिपो निर्मित किया जाना है, जिसके लिए पिछले दिनों ग्लोबल टेंडर जारी किए गए और देश की जानी-मानी 16 कम्पनियों ने टेंडर भरे मगर 10 अयोग्य घोषित हुई और 6 अंतिम दौड़ में बची, उसमें से भी लखनऊ की मेसर्स केएसएम बशीर मोहम्मद सन्स को इसका ठेका दिया गया है, जिसने मौके पर निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया। अभी काम करने वाले मजदूरों और अन्य स्टाफ के क्वार्टर पहले बनाए जाएंगे और जमीन को समतल भी किया जा रहा है। 75 एकड़ जमीन में लगभग 28 एकड़ जमीन वन विभाग से ली गई और उसके बदले शासन ने अन्य स्थानों पर अधिक जमीन वन विभाग को उपलब्ध करवाई है। मेट्रो डिपो के निर्माण के लिए 2092 दिन की समय सीमा तय की गई है। यहां पर एडमिस्ट्रेटिव ब्लॉक, वर्कशॉप, क्लीनिंग शेड, टेस्टिंग ट्रैक, इलेक्ट्रिक सब स्टेशन, पम्प रूम, पार्किंग, ट्रेनिंग सेंटर, केंटीन सहित अन्य सुविधाएं रहेंगी। इसी तरह 37 एकड़ पर कॉस्टिंग यार्ड भी रेल विकास निगम लिमिटेड ने बनाया है, जिसे दूसरे चरण का ठेका दिया गया है। निजी जमीन पर कम्पनी ने दो साल के लिए किराये पर लेकर इस यार्ड का निर्माण किया है। वहीं पिलरों के निर्माण, कॉस्टिंग यार्ड सेगमेंट के बाद गर्डर लॉन्चिंग की तैयारी की जा रही है।
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