इंदौर (Indore)। रात-दिन इंजीनियरों की टीम डिपो में खड़ी तीन कोच की पहली ट्रेन को सेफ्टी और ट्रायल रन के लिए तैयार करने में जुटे हैं। अभी बड़ी संख्या में मेट्रो ट्रेन को निहारने और सोशल मीडिया पर वीडियो या रील बनाकर डालने वालों की भी भीड़ बढऩे के चलते अब अनाधिकृत प्रवेश पर रोक भी लगा दी है। 75 एकड़ पर मेट्रो डिपो गांधी नगर में बनाया गया है, जहां पर रात में मेट्रो की पार्किंग होगी और वर्कशॉप में धुलाई, सफाई से लेकर तकनीकी जांच की जाएगी, जिसके लिए बड़े शेड बनाए गए हैं। वहीं पूरे मेट्रो नेटवर्क के संचालन और उस पर निगाह रखने के लिए डिपो में ही विशाल प्रशासनिक भवन भी बनाया जा रहा है, जिसके निर्माण का कार्य भी तेज गति से जारी है। सिविल वर्क लगभग पूरा भी हो गया है। मेट्रो डिपो को तैयार करने का जिम्मा 248 करोड़ रुपए में दिया गया है।
शुरुआत में तो सुपर कॉरिडोर पर गांधी नगर क्षेत्र में मेट्रो डिपो के लिए जमीन हासिल करने में भी मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को परेशानी आई, क्योंकि गृह निर्माण के साथ-साथ वन विभाग की काफी जमीन इसमें शामिल थी। बाद में वन विभाग को इससे अधिक जमीन अन्य जिलों में शासन द्वारा आबंटित की गई। 75 एकड़ में मेट्रो डिपो बनाया गया है, जिसको विकसित करने का ठेका केएसएम बशीर मोहम्मद एंड संस को लगभग 248 करोड़ में दिया गया है। इस मेट्रो डिपो में ही दौडऩे वाली सभी ट्रेनें रात को खड़ी होंगी, जिसमें वर्कशॉप लेबर क्वार्टर्स, एडमिस्ट्रिटेटिव ब्लॉक यानी प्रशासनिक भवन, कैफे सहित अन्य सुविधाएं जुटाई जा रही है। पॉवर ट्रांसमिशन सिस्टम का भी पूरा कंट्रोल डिपो से ही रहेगा। प्रशासनिक भवन का सिविल वर्क भी अंतिम चरण में है और आने वाले कुछ वर्षों में इंटीरियर, फर्नीचर सहित अन्य काम भी पूरे कर लिए जाएंगे।
इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए नियुक्त होने वाले अफसरों, इंजीनियरों से लेकर कर्मचारियों का पूरा अमला इसी प्रशासनिक भवन में बैठेगा, जिसके जरिए पूरे मेट्रो सिस्टम को संचालित किया जाएगा। पिछले दिनों बड़ोदा के सावली स्थित संयंत्र से तीन कोच की पहली मेट्रो ट्राले में लदकर इंदौर पहुंची थी, जिसे अब सेफ्टी और ट्रायल रन के लिए तैयार किया जा रहा है। संभवत: 14 सितम्बर को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की मौजूदगी में ट्रायल रन होना है, जिसके लिए ये तीन कोच इंजीनियरों द्वारा तैयार किए जा रहे हैं। साथ ही 6 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर भी बचे हुए कार्यों को रात-दिन इंजीनियरों और सैंकड़ों मजदूरों की सहायता से पूरा किया जा रहा है। इधर सोशल मीडिया पर भी इंदौर मेट्रो का हल्ला मचा है। लिहाजा बड़ी संख्या में रील, वीडियो, फोटो बनाने वाले सोशल मीडिया इन्फ्ल्यूएंजर भी डिपो पहुंचने लगे, जिसके चलते अब मेट्रो प्रशासन ने अनाधिकृत प्रवेश पर रोक भी लगा दी है।
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