उज्जैन। गणेशोत्सव में भले ही फिलहाल ढाई महीने का वक्त हो, लेकिन उत्साह चरम पर है। तीन महीने पहले से ही शहर के मूर्तिकारों को प्रतिमाओं के ऑर्डर मिलने लगे हैं। इस साल प्रतिमाएं पिछले साल की तुलना में ज्यादा बनेंगी, वहीं इन मिट्टी की प्रतिमाओं के निर्माण के लिए बंगाल से आने वाले मूर्तिकार भी दोगुने हो गए हैं। बंगाली कॉलोनी स्थित कारखानों में घास का बेस बनाने के बाद प्रतिमाओं पर मिट्टी चढ़ाने का काम भी शुरू हो गया है। हर साल एक से डेढ़ महीने पहले मिलने वाले ऑर्डर इस साल तीन महीने पहले से मिलने लगे हैं, जिससे मूर्ति बनाने वाले कारखानों में रौनक भी समय से पहले नजर आने लगी है। पिछले 15 दिन से ज्यादा समय से बंगाली मूर्तिकार मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं का निर्माण करना शुरू कर चुके हैं। मूर्तिकार ने बताया कि इस साल 500 से ज्यादा बड़ी गणेश प्रतिमाएं और 2 हजार छोटी प्रतिमाएं बनाने का लक्ष्य है। हर साल बड़ी प्रतिमाएं करीब 300 ही बनती रही हैं। उल्लास और माहौल को देखते हुए इस साल बंगाल से मूर्तिकार भी हर साल से दोगुने आए हैं। उल्लेखनीय है कि प्रतिमाओं के निर्माण के लिए हर साल बंगाल से मूर्तिकार आते हैं और ये सरस्वती पूजन (बसंत पंचमी) के लिए बनने वाली प्रतिमाओं के निर्माण के लिए जनवरी तक यहीं रूकते हैं।
खास होगी प्रतिमा
उज्जैन महाकाल इंटरनेशल चौराहा पर स्थापित होने वाली गणेश प्रतिमा भी उज्जैन में ही निर्मित होती है और हर साल खास होती है।
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