गणेशोत्सव पर प्राधिकरण की भूमिपूजन कराए जाने की तैयारी, वर्कऑर्डर भी किए जारी, ठेकेदार फर्मों को चर्चा के लिए भी बुलाया
इंदौर। पिछले दिनों प्राधिकरण बोर्ड ने शहर में बनने वाले तीन फ्लायओवरों के टेंडरों को प्रशासकीय मंजूरी दी और साथ ही संबंधित चयनित की गई ठेकेदार फर्म को वर्कऑर्डर जारी करने का भी निर्णय लिया गया। 225 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इन फ्लायओवरों का निर्माण एक साथ ही शुरू कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) को भी बुलाने के प्रयास किए जा रहे हैं और गणेश चतुर्थी से इनके निर्माण की शुरुआत की जा सकती है। वहीं स्टार्टअप पार्क के लिए भी विदेशों के आर्किटेक्ट रुचि दिखा रहे हैं। कल प्री-बिड बैठक में इन कम्पनियों से जुड़े प्रतिनिधि प्राधिकरण पहुंचे और अध्यक्ष सहित अधिकारियों से चर्चा भी की। प्राधिकरण 20 एकड़ में लगभग 450 करोड़ की लागत से स्टार्टअप पार्क निर्मित करेगा।
प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चांवड़ा (Authority Chairman Jaipal Singh Chanwda) के मुताबिक पिछले दिनों बोर्ड ने तीन फ्लायओवरों के निर्माण की मंजूरी दे दी थी। फूटी कोठी, लवकुश और भंवरकुआ चौराहा पर ये फ्लायओवर बनाए जा रहे हैं। वैसे तो प्राधिकरण लगभग एक दर्जन फ्लायओवर शहर में बनाना चाहता है, ताकि यातायात सुगम हो सके। अभी इन तीन फ्लायओवरों के टेंडर मंजूर हुए हैं। कुछ अन्य फ्लायओवर के टेंडर जल्द ही बुलाए जाएंगे। इसमें भंवरकुआ चौराहा पर बनने वाला फ्लायओवर लगभग 68 करोड़ रुपए, फूटी कोठी का फ्लायओवर 75 करोड़ रुपए और लवकुछ चौराहा पर बनने वाले फ्लायओवर का टेंडर 80 करोड़ रुपए का है। इस तरह 225 करोड़ रपए की राशि इन तीनों फ्लायओवरों पर खर्च की जाएगी। इसके साथ ही टीपीएस योजनाओं का भी काम चल रहा है। इसके अलावा प्राधिकरण सुपर कॉरिडोर की 20 एकड़ जमीन पर स्टार्टअप पार्क का निर्माण भी कर रहा है। बोर्ड ने नए सिरे से प्री-बिड बुलाने का निर्णय लिया। कल इंदौर, मुंबई के अलावा कनाड़ा और स्वीट्जरलैंड तक के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट आए और प्राधिकरण दफ्तर में ड्राइंग, डिजाइन, निर्माण से लेकर अन्य तकनीकी चर्चा की। प्राधिकरण अधिकारियों ने इन फर्मों के प्रतिनिधियों को टेंडर शर्तों से लेकर अन्य जानकारी दी। वहीं प्राधिकरण को भी इन प्रतिनिधियों ने कुछ सुझाव भी दिए, जिसके आधार पर टेंडर शर्तों में आवश्यक संशोधन भी किए जाएंगे। प्राधिकरण अध्यक्ष श्री चांवड़ा के मुताबिक विभिन्न योजनाओं में उपलब्ध सम्पत्तियों के टेंडर भी निरंतर बुलाए जा रहे हैं। पिछले दिनों 15 अगस्त के मौके पर 800 करोड़ रुपए से अधिक की सम्पत्तियों के टेंडर एक साथ जारी किए गए। इसके अलावा लीजधारकों से जुड़ी समस्याओं का भी अब निरंतर निराकरण किया जा रहा है। हफ्ते में दो दिन इसके लिए विशेष शिविर भी प्राधिकरण में ही लगता है और आवेदकों को बुलाकर उनसे जुड़े आदेश सौंपे जाते हैं। लीज नवीनीकरण, नामांतरण, रजिस्ट्री से लेकर अन्य कारणों से लोग महीनों से चक्कर काट रहे थे। उनकी समस्याओं का अब तेजी से निराकरण शुरू कराया गया है। प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार रोजाना इन लम्बित प्रकरणों की जानकारी संबंधिकारियों और उनके बाबुओं से लेते हैं।
56 फीसदी तैयार हो गया अंतरराज्यीय बस टर्मिनल
प्राधिकरण द्वारा दो आईएसबीटी यानी अंतरराज्यीय बस टर्मिनल निर्मित कराए जा रहे हैं। इनमें से एमआर-10 स्थित कुमेर्डी का जो बस टर्मिनल बन रहा है उसका लगभग 56 फीसदी काम पूरा हो चुका है। कोविड और अन्य कारणों से इस बस टर्मिनल के काम में भी विलंब हुआ। अभी अध्यक्ष और सीईओ ने इसकी भी समीक्षा की और काम की गति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। अध्यक्ष श्री चांवड़ा के मुताबिक आरटीओ के पास नायतामूंडला में बन रहे आईएसबीटी के काम की भी गति बढ़ रही है। वहीं आरई-2 के निर्माण में जो बाधक झुग्गी झोपडिय़ां हैं उन्हें भी शिफ्ट किया जा रहा है। एमआर-10 के बस टर्मिनल की लागत लगभग 60 करोड़ रुपए हैं। इसी के पास में मेट्रो स्टेशन भी बन रहा है और मेट्रो से भी बस टर्मिनल की कनेक्टीविटी रहेगी।
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