इंदौर। आने वाले दो-तीन वर्षों में इंदौर को लगभग दो दर्जन ओवरब्रिज के साथ महत्वपूर्ण मास्टर प्लान और एमआर सडक़ें मिल जाएंगी, जिससे यातायात सुगम भी होगा। इसी साल लगभग 8 ओवरब्रिज तैयार हो जाएंगे, जिसके चलते रेंगता यातायात सरपट दौडऩे लगेगा। जिस तरह रिंग रोड पर बंगाली और पीपल्याहाना चौराहा पर बने ओवरब्रिजों के कारण यातायात सुगम हो गया है। बीआरटीएस परभी बीते कई वर्षों से उलझा हुआ एलिवेटेड ब्रिज अब बनेगा। पिछले ही दिनों इसकी भी सहमति हो गई। वहीं 42 करोड़ रुपए की लागत से आरई-2 का निर्माण किया जा रहा है, जिससे बायपास की कनेक्टीविटी तो बेहतर होगी ही। साथ ही आरटीओ कार्यालय के अलावा प्राधिकरण द्वारा बनाए आईएसबीटी को भी इससे फायदा होगा।
निगमायुक्त श्रीमती हर्षिका सिंह ने कल भूरी टेकरी से कांकड़, योजना 140 होते हुए नायतामूंडला का जो नया आईएस बीटी बना है वहां तक बन रही 4.25 किलोमीटर लम्बाई की आरई-2 रोड का निरीक्षण किया। साथ ही बंगाली चौराहा से भूरी टेकरी तक निर्माणाधीन सीमेंट कांक्रीट रोड को भी देखा और सीवरेज, चेम्बर लाइन सहित अन्य कार्य को समय सीमा में करने के निर्देश भी दिए। दरअसल बिचौली कांकड़ में मौजूद झुग्गी बस्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास आबंटित कराए जाएंगे, ताकि इनकी शिफ्टिंग के बाद आरई-2 का निर्माण पूरा हो सके। अभी बिचौली कांकड़ बस्ती के अलावा शिव नगर, शिव दर्शन नगर, स्कंद धाम की बाधा कायम है। सभी पात्र परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। वैसे तो इस सडक़ की चौड़ाई 45 मीटर मास्टर प्लान में प्रावधानित है।
मगर अभी पहले चरण में 24 मीटर चौड़ी सडक़ बनाई जा रही है, जिस पर 42.16 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इससे आसपास की तमाम कॉलोनियों के साथ-साथ आरटीओ और प्राधिकरण के आईएसबीटी की बायपास तक सीधी कनेक्टीविटी होगी। इतना ही नहीं, अन्य महत्वपूर्ण मास्टर प्लान की सडक़ों और अधूरे एमआर की जानकारी भी कलेक्टर आशीष सिंह ने निकलवाई है, ताकि इनके निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू करवाई जा सके। दूसरी तरफ प्राधिकरण के चार चौराहों पर फ्लायओवरों का निर्माण तेज गति से करवा रहा है, जिसमें भंवरकुआ, खजराना, लवकुश चौराहा और फूटी कोठी शामिल है। दूसरी तरफ प्राधिकरण द्वारा ही लवकुश चौराह पर डबल डेकर ब्रिज भी बनवाया जा रहा है। कुल मिलाकर प्राधिकरण को एक दर्जन ओवरब्रिजों का निर्माण करवाना है।
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