कन्नौज (Kannauj)। कन्नौज में हिस्ट्रीशीटर अशोक कुमार उर्फ मुन्ना यादव (History sheeter Ashok Kumar alias Munna Yadav) की गोली से घायल सिपाही सचिन राठी (Sachin Rathi) की कानपुर (Kanpur) के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। सिपाही की जांघ में गोली लगी थी। रात 12:50 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। कन्नौज के विशुनगढ़ थानाक्षेत्र के धरनीधरपुर नगरिया गांव में सोमवार को वारंट लेकर पहुंची पुलिस टीम पर पूर्व प्रधानपति और हिस्ट्रीशीटर ने ताबड़तोड़ 30 राउंड फायरिंग कर दी थी। गोली लगने से घायल सिपाही सचिन राठी को कन्नौज जिला अस्पताल से गंभीर हालत में कानपुर भेजा गया था। वहां रीजेंसी अस्पताल में इलाज चल रहा था। देर रात आपरेशन के बाद डाक्टर ने सचिन को आइसीयू में शिफ्ट किया था जहां उपचार के दौरान रात 12:50 बजे सिपाही की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पांच फरवरी 2024 को ही सिपाही सचिन की शादी तय थी। सचिन मुजफ्फरनगर का रहने वाले थे। वह 2019 में यूपी पुलिस में भर्ती हुए थे।
चार घंटे चली मुठभेड़ में पुलिस ने भी दस गोलियां दागीं। हिस्ट्रीशीटर और बेटे के पैर में भी गोलियां लगी थीं। पुलिस ने आरोपित और उसके बेटे को गोली लगने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। हिस्ट्रीशीटर की पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। धरनीधरपुर नगरिया की पूर्व प्रधान श्यामादेवी के हिस्ट्रीशीटर पति अशोक कुमार उर्फ मुन्ना यादव के खिलाफ छिबरामऊ कोतवाली समेत कई थानों में 20 से अधिक मुकदमे हैं। सोमवार शाम करीब चार बजे छिबरामऊ कोतवाली और विशुनगढ़ थाने की पुलिस हिस्ट्रीशीटर को गिरफ्तार करने पहुंची।
पुलिस दरवाजा खुलवाने की कोश़िश कर ही रही थी कि तभी घर के अंदर से अचानक फायरिंग शुरू हो गई। पुलिसकर्मी इधर-उधर भागे, लेकिन एक गोली विशुनगढ़ में तैनात सिपाही सचिन राठी के पैर में जा लगी। सिपाही को सौ शैय्या अस्पताल ले जाया गया, जहां से कानपुर रेफर कर दिया गया। आधी रात के बाद 12:50 बजे सचिन राठी ने दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम के बाद उनके शव को कन्नौज लाया जाएगा जहां पुलिस उन्हें सलामी दी जाएगी। सिपाही के परिवार के लोग कानपुर पहुंच गए हैं।
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हिस्ट्रीशीटर ने बेटे संग की भागने की कोशिश
कन्नौज के एसपी अमित कुमार आनंद, एएसपी डॉ. संसार सिंह, सीओ सदर डॉ. प्रियंका बाजपेई के साथ कई थानों की फोर्स पहुंची और बदमाश के घर को 300 मीटर की दूरी पर घेर लिया था। चार घंटे तक घर के अंदर से करीब 30 राउंड फायरिंग की गई जिसके जवाब में पुलिस ने फायरिंग की। अंधेरा होने पर हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव और उसके बेटे टिंकू ने फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश की। जवाबी फायरिंग में दोनों के पैरों में गोली लगते ही पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। एसपी अमित कुमार आनंद के अनुसार, घर के अंदर से बाप-बेटे दोनों ने गोलियां चलायीं और पूर्व प्रधान पत्नी श्यामादेवी ने भी साथ दिया। उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपितों के पास से दो तमंचे और घर से एक डबल बैरल रायफल और बड़ी मात्रा में कारतूस बरामद हुए हैं।
सीसीटीवी से लैस घर से देख रहा था हर मूवमेंट
हिस्ट्रीशीटर अशोक ने गांव के बाहर खेत में आलीशान मकान बना रखा है, जिसमें चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। आशंका है कि घर के अंदर से वह सारी गतिविधियां देख रहा था। पुलिस की मानें तो जिस तरफ भी टीम का मूवमेंट होता था, वह उसी तरफ गोली चलाता रहा। पुलिस के मुताबिक मुन्ना यादव का क्षेत्र में इतना दबदबा है कि उसके खिलाफ कोई मुंह खोलने की हिम्मत नहीं करता। इस चुनाव से पहले उसने दबंगई के बल पर पत्नी को ग्राम प्रधान बनवाया।
300 मीटर दूर से पुलिस ने की थी घेराबंदी
पुलिस ने रात होने से पहले ही हिस्ट्रीशीटर का मकान 300 मीटर की दूरी से चारों तरफ से घेर लिया था। जैसे-जैसे अंधेरा बढ़ रहा था पुलिस दबाव के साथ घेराबंदी कसती जा रही थी। पूरे ऑपरेशन की कमान पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने खुद अपने हाथ में ले रखी थी।
दो जेसीबी के साथ पहुंची थी पुलिस फोर्स
पुलिस टीम पर फायरिंग के बाद कई थानों की फोर्स पहुंची। वहीं उच्चाधिकारियों के मौके पर पहुंचते ही दो जेसीबी भी मौके पर बुला ली गई थीं। इसपर गांव में घर ढहाने की चर्चा शुरू हो गई। ग्रामीण यह भी चर्चा कर रहे थे कि पुलिस घऱ में घुसने के लिए इनका इस्तेमाल कर सकती है।
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