उज्जैन। जिला अस्पताल परिसर में मेडिकल कॉलेज बनना प्रस्तावित होने के बाद से यहां की समस्त स्वास्थ्य सुविधाएं दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में जिला अस्पताल प्रशासन को कई पेरशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शिफ्टिंग को लेकर अधिकारी आए दिन मीटिंग ले रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि लंबे प्रयासों के बाद उज्जैन को मेडिकल कॉलेज की सौगात मिलने जा रही है। अभी तक इसकी जमीन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। पहले इंजीनियरिंग कॉलेज रोड पर मेडिकल कॉलेज की जमीन तलाशी गई थी। इसके बाद जिला अस्पताल परिसर में इसके लिए जमीन तलाशने का काम शुरु किया गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के निरीक्षण और सरकार की मंशा के अनुसार अब जिला अस्पताल परिसर और कैंसर यूनिट को मिलाकर मेडिकल कॉलेज बनाए जाने का प्लान तैयार किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो मेडिकल कॉलेज अब जिला अस्पताल परिसर की जमीन पर ही बनेगा। लेकिन सबसे बड़ी परेशानी 700 बेड वाले जिला अस्पताल, ओपीडी, जेलवार्ड, पोस्टमार्टम रूम को शिफ्ट करने की है, जो विभाग के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं। जिला अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम रूम काफी पुराना है। हालांकि इसका भवन कुछ वर्षों पहले नया बनाया गया था। भवन बनने के बाद यहाँ शवों को सहेजने के लिए जरूरी संसाधन भी जुटाए गए थे। इस सर्वसुविधायुक्त पोस्टमार्टम रूम को अन्य स्थान पर शिफ्ट करना आसान नहीं हैं, क्योंकि यहाँ पर रोज ही आधा दर्जन से अधिक बाडी पीएम के लिए आती हैं। अगर तुरत फुरत में इसे शिफ्ट किया गया तो समस्या भी खड़ी हो सकती है। मामले में आरएमओ नितराज गौड़ का कहना है कि जिला अस्पताल के भर्ती वार्ड और ओपीडी को चरक अस्पताल में शिफ्ट करने की चर्चा जारी है। लेकिन पोस्टमार्टम रूम को का शिफ्ट करें इसको लेकर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। आने वाले दिनों में इसको लेकर भी निर्णय लिया जाएगा।
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