इन्दौर। मतदाता सूची से हजारों की संख्या में मतदाता कम होने के मामले को कांग्रेस ने गंभीरता से लिया है। कांग्रेस का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग इंदौर से तो नहीं गए या प्राकृतिक मौत नहीं मरे। ऐसे में संदेह जताया जा रहा है कि इंदौर में कोविड से मरने वालों की संख्या सर्वाधिक रही।
पिछले दिनों जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा मतदाता सूची जारी करने के साथ ही उन मतदाताओं के आंकड़े भी जारी किए गए थे, जिनके नाम मतदाता सूची से हट गए हैं। इस मामले में प्रदेश सचिव राकेश यादव ने आंकड़ों की बारीकी से जांच की तो मालूम चला कि इतनी प्राकृतिक मौतें या इंदौर से बाहर जाने वालों का आंकड़ा तो इतना बड़ा नहीं हो सकता। निवार्चन कार्यालय ने करीब 78 हजार 377 मतदाताओं के नाम कटने की जानकारी दी है, जिसमें 1 नंबर विधानसभा में 3 हजार 334, 2 में 14 हजार 404, 3 में 7 हजार 404, 5 में 19 हजार, राऊ में 8 हजार 664 नाम कटे हैं, जबकि अकेले 4 नंबर विधानसभा में 25 हजार 571 नाम सामने आए हैं।
ऐसे में कांग्रेस ने संदेह जताया है कि इनमें से अधिकांश नाम मौत होने के कारण कटे हैं। कांग्रेस शुरू से ही आरोप लगाते आ रही है कि कोविड के कारण ही अधिकांश मौतें हुईं, क्योंकि तब शहर के पूरे श्मशान में लाशें जलाने के लिए जगह तक नहीं बची थी। अगर दूसरे कारण से मौतें भी मानें तो 50 हजार मौतें तो कोविड के कारण हुई ही हैं। कांग्रेस ने इन मौतों के आंकड़ों का सत्यापन करने की मांग की है, ताकि मालूम चल सके कि आखिर इतनी मौतें किस कारण से हुईं?
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