जयपुर । राजस्थान में चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच निष्कासित उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की कांग्रेस आलाकमान से बातचीत के बाद विवाद के सुलझाने के लिये तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, इसके साथ ही करीब एक महीने से चल रहा राजनीतिक संकट के पटाक्षेप होने के आसार बन गये हैं। पायलट ने दिल्ली में श्री राहुल गांधी और श्रीमती प्रियंका गांधी से मुलाकात की और सारी बातें उनके सामने रखीं। इन पर श्री गांधी ने नरम रुख अपनाते हुए विवाद के मुख्य बिंदुओं पर विचार के लिये तीन सदस्यीय समिति के गठन की बात रखी।
जिसके बाद जयपुर में पूर्व सीएम श्री पायलट ने पत्रकारों को बताया कि पूरे प्रकरण के दौरान बहुत सी बातें कही गयीं। कुछ व्यक्तिगत बातें कहीं गयी, लेकिन हमने संयम बनाये रखा। राजनीति में व्यक्तिगत बातों के लिये कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने पांच वर्ष तक मेहनत करके राज्य में सरकार बनाई। इसमें सभी भागीदार हैं, लेकिन मुझे लगा कि कुछ आपत्तियां थीं। हमने बहुत सारी बातों को उनके समक्ष रखा। इस तीन सदस्यीय समिति की बैठक बहुत जल्द होगी जिसमें सभी बिंदुओं पर विचार किया जायेगा। उन्हें उम्मीद है कि इसमें सभी समस्याओं का समाधान होगा।
श्री पायलट ने कहा कि कई सैद्धांतिक मुद्दे थे। हमें वादों पर खरा उतरना था। पार्टी पद देती है। पार्टी पद लेती भी है। मुझे पद की लालसा नहीं, लेकिन मैं चाहता था मान सम्मान मिले। उन्होंने कहा कि वह राजनीति में करीब 20 वर्ष से काम कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि जिन लाेगों ने मेहनत की है उन्हें पर्याप्त सम्मान मिले। उन्होंने कहा कि आज से एक वर्ष पहले हम ने कुछ बातें तय की थीं। श्री गहलोत मुख्यमंत्री बने। हमने पार्टी में कई बातें बताई हैं। सरकार ने और पार्टी ने जो वादे किये हैं, वो निभाने बहुत जरूरी हैं। हमने कभी भी इस प्रकार की भावना, भाषा या आचरण का इस्तेमाल नहीं किया। हम लोग कांग्रेस के नाम पर सत्ता में आये थे और हम चाहते हैं कि हमने जनता से जो वायदे किये थे उन्हें पूरा किया जाये।
बतादें कि कांग्रेस ने राहुल और सचिन की मुलाकात के बाद आधिकारिक बयान जारी किया है. जिसमें कहा गया कि सचिन पायलट ने राहुल गांधी से मुलाकात की और अपनी तकलीफ विस्तार से बताई । पायलट ने कांग्रेस पार्टी और राजस्थान सरकार के हित में काम करने की प्रतिबद्धता जताई है, इस मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि तीन सदस्यीय कमिटी बनाई जाएगी जो सचिन पायलट द्वारा उठाए गए मुद्दों और नाराज विधायकों की बातों पर विचार कर उचित प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी। बताया जा रहा है कि कांग्रेस नई स्थितियों में सचिन को राष्ट्रीय स्तर का कोई बड़ा दायित्व सौंप सकती है।
वहीं, सुलह की इस पटकथा लिखे जाने के तुरंत बाद ही राजस्थान में पायलट खेमे के वरिष्ठ नेता भंवर लाल शर्मा सीएम अशोक गहलोत से मिलने पहुंचे। सीएम से मुलाकात के बाद शर्मा ने कहा कि गहलोत पार्टी के मुखिया हैं और अब उनके अंदर किसी तरह की कोई नाराज़गी नहीं है। भंवर लाल शर्मा ने सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद कहा कि कोई कैंप नहीं था, न ही कोई कैद में था। भंवर लाल को कोई कैद नहीं कर सकता, मैं वहां अपनी मर्ज़ी से गया था, मैं यहां भी अपनी मर्ज़ी से आया हूं । सीएम से मुलाकात को लेकर भंवर लाल शर्मा ने बताया कि मैं उनसे मिला, पार्टी एक परिवार की तरह है और अशोक गहलोत उसके मुखिया हैं । कुछ विषयों को लेकर मेरी नाराजगी थी, जिसके बारे में मैंने खुलकर बताया भी, लेकिन अब किसी तरह की कोई नाराजगी नहीं है । भरोसा है कांग्रेस पार्टी लोगों से किए गए अपने सभी वादे पूरे करेगी ।
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