नई दिल्ली। 2024 का लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) और कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा. 12 राज्यों को कवर करने वाली ये यात्रा कहने को भारत जोड़ो है, लेकिन इसका एक मकसद ‘वोट जोड़ो’ भी दिखाई पड़ता है. एक तय रणनीति के तहत उन राज्यों से ये यात्रा निकलने वाली है जहां पर पिछले सालों में कांग्रेस का जनाधार गिरा है, उसकी सीटें कम हुई हैं. कहा जा रहा है कि कांग्रेस (Congress) की ये यात्रा भी 321 लोकसभा सीटों पर मूड सेट करने वाली है.
321 सीटों पर यात्रा बदलेगी खेल
कन्याकुमारी (Kanyakumari) से शुरू हुई ये पदयात्रा.. केरल के तीन शहरों तक जाएगी (तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, और नीलांबुर). इसके बाद कर्नाटक के मैसूर(Mysore of Karnataka), बेल्लारी और रायचूर से होते हुए ये तेलंगाना के विकराबाद पहुंचेगी और फिर महाराष्ट्र के नांदेड़ और जलगांव से ये मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore of Madhya Pradesh) और फिर राजस्थान के कुछ ज़िलों में पहुंचेगी (कोटा, दौसा और अलवर) और आखिर में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब (Haryana and Punjab) से ये श्रीनगर तक जाएगी. और इस तरह इस पदयात्रा में कुल 12 राज्य कवर होंगे. ये वो 12 राज्य हैं, जहां लोकसभा की कुल 321 लोक सभा सीटें हैं. और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को इनमें से केवल 37 सीटों पर जीत मिली थी.
सोनिया गांधी का भावुक खत
वैसे इस भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी(Interim President Sonia Gandhi) ने भी एक बड़ा सियासी संदेश दिया. एक भावुक खत में उन्होंने सभी कांग्रेसियों को कहा कि ऐसे समय, जब कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू हो रही है. तब इलाज और मेडिकल जांच के कारण में आप लोगों के बीच व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हूं. इस असमर्थता के लिए मुझे खेद है. शानदार विरासत वाली हमारी महान पार्टी कांग्रेस के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है. मुझे विश्वास है कि इससे हमारे संगठन का कायाकल्प होगा. भारतीय राजनीति के लिए यह पल परिवर्तनकारी साबित होगा. मैं विशेष तौर पर अपने उन 120 सहयोगियों को बधाई देना चाहती हूं, जो लगभग 3600 किलोमीटर लंबी इस पदयात्रा को पूरा करेंगे. यात्रा कई राज्यों से गुजरेगी और इसमें हजारों नए लोग शामिल होंगे, उन्हें भी मेरी तरफ से शुभकामनाएं. वैचारिक और आत्मिक रूप से मैं हमेशा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल रहूंगी. निश्चित ही मैं यात्रा को आगे बढ़ते हुए लाइव देखूंगी. तो आइए हम संकल्प लें, एकजुट हों और अपने कर्तव्यों पर दृण रहें. जय हिंद.
कन्याकुमारी से खास कनेक्शन
अब कांग्रेस की इस भारत जोड़ो यात्रा का राजनीतिक एंगल तो समझ लिया, लेकिन एक पहलू है जो काफी खास रहा है. कांग्रेस की तरफ से कन्याकुमारी से इस यात्रा को शुरू करने की दो खास वजह रही हैं. कांग्रेस और गांधी परिवार के इतिहास में श्रीपेरंबदुर नाम की ये जगह दो वजहों से अहम है. पहली वजह तो यही है कि..यहां चुनावी यात्रा के दौरान राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. और दूसरी वजह ये है कि.. श्रीपेरुम्बुदुर की इसी घटना के बाद 1991 के लोक सभा चुनाव में लोगों का मूड बदल गया था. ऐसा कहा जाता है कि राजीव गांधी की हत्या के बाद देश के लोग कांग्रेस पार्टी की तरफ़ झुक गए थे और इसके बाद जिन भी राज्यों में वोटिंग हुई, वहां कांग्रेस की ज़बरदस्त जीत हुई थी.
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