इंदौर। कांग्रेसी अपने प्रत्याशी के बिना ही निर्दलीय उम्मीदवारों के मतगणना एजेंट के रूप में स्टेडियम में जाने की जुगाड़ जमा रहे हैं। इसको लेकर अब कांग्रेस के एजेंटों को भी ट्रेनिंग दी जाना है, जो भोपाल में होगी और फिर वहां से ट्रेनिंग लेने के बाद लोकसभा स्तर पर ट्रेनिंग दी जाएगी। 29 में से 27 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे। इंदौर की सीट पर दगा देने वाले अक्षय बम के बाद कांग्रेस के पास कोई प्रत्याशी नहीं बचा और दूसरा खजुराहो सीट पर पार्टी ने सपा को अपना समर्थन देकर वहां अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था। इंदौर में कांग्रेस का कोई प्रत्याशी नहीं है, लेकिन कांग्रेस ने कुछ मतदान केन्द्रों पर नोटा के लिए निर्दलीय उम्मीदवारों के एजेंट के रूप में अपने कार्यकर्ताओं को बिठाया था।
अब मतगणना के दौरान भी कांग्रेस निर्दलीय उम्मीदवारों के एजेंट के रूप में अपने कार्यकर्ताओं को एजेंट के रूप में नेहरू स्टेडियम के अंदर भेजने की तैयारी कर रही है, ताकि वहां वोटों की गिनती पर नजर रखी जा सके। वैसे यह तो तय है कि भाजपा इंदौर से जीत रही है, लेकिन नोटा के वोट को लेकर सभी में जिज्ञासा बनी हुई है कि इंदौर में कितने लोगों ने इसका प्रयोग किया है और कांग्रेस की अपील कहां तक कारगर साबित हुई है। वैसे शुरुआती राउंड से ही रूझान दिखना शुरू हो जाएगा और दोपहर तक तो काफी हद तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि शंकर लालवानी कितने वोटों से जीत रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस ने बची हुई 27 सीटों पर अपने एजेंटों को ट्रेनिंग देने के लिए भोपाल में व्यवस्था की है। वहां वोटों की गिनती पर किस तरह से बारीकी से नजर रखी जाए, इसको लेकर वरिष्ठ नेता एक कार्यशाला में कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन देंगे। वहां से फिर कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर मतगणना एजेंटों को वे बारीकियां सिखाएंगे, ताकि मतगणना में होने वाली किसी भी गड़बड़ पर आपत्ति ली जा सके।
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