इंदौर। लोकसभा चुनाव के पहले बड़ी संख्या में कांग्रेसी अपनी पार्टी को छोडक़र भाजपा में शामिल हो गए थे। इनमें कई बड़े नाम भी शामिल हैं। इतनी बड़ी संख्या में आए कांग्रेसियों को अब भाजपा 4 जून के बाद संगठन में पद देने की योजना बना रही है। पहली बार में वरिष्ठजनों को पद दिए जाएंगे, जिन्हें भाजपा की रीति-नीति से अवगत कराया जाएगा। जून माह में ही कई शहर और जिलाध्यक्षों को बदले जाने की योजना है और उनकी कार्यकारिणी को लेकर भी नए नामों की तलाश की जाएगी।
अभी तक भाजपा 6 महीने से लोकसभा चुनाव की तैयारी और उसको लडऩे की रणनीति बनाने में ही व्यस्त थी, लेकिन अब संगठन के गठन को लेकर भी तैयारी की जाएगी। 4 जून को लोकसभा चुनाव का परिणाम आने और नई सरकार के गठन के बाद भाजपा के आंतरिक चुनाव शुरू होने की संभावना है। इन्हीं चुनावों के दौरान भाजपा में आए नए लोगों को पार्टी में अलग-अलग पदों पर बिठाया जा सकता है। पूरे प्रदेश में कांग्रेस के कई ऐसे नेता हैं, जो पार्टी छोडक़र भाजपा में शामिल हुए थे। इनमें कई बड़े नेता और पूर्व विधायक भी हैं, जो अब भाजपा में सम्मानित पद चाहते हैं।
भाजपा ने चुनाव के चलते सबको पार्टी में तो ले लिया, लेकिन अब किसे, कौन सा पद दिया जाए, इसको लेकर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेताओं को पहले भाजपा की रीति-नीति के बारे में सिखाया जाएगा। हो सकता है इसके लिए प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन भी किया जाए। चूंकि पार्टी में संगठनात्मक चुनाव होना हैं और ये चुनाव जून में ही होना हैं, इसलिए जल्द ही इस प्रकार के वर्ग भी लगाए जा सकते हैं। उसके बाद इसके नीचे के नेताओं को मंडल और वार्डों में एडजस्ट किया जा सकता है। हालांकि ये इतना आसान नहीं है, क्योंकि कांग्रेस में कई नेता प्रदेश स्तर की कार्यकारिणी में थे और उन्हें नीचे की कार्यकारिणी में स्थान दिया गया तो वे नाराज हो सकते हैं।
इंदौर में ये नेता देख रहे पद की राह
इंदौर में कांग्रेस के संजय शुक्ला और विशाल पटेल जैसे कद्दावर नेताओं ने सबसे पहले भाजपा ज्वॉइन कर ली थी। दोनों विधायक भी रह चुके हैं। ऐसे में उनके कद के हिसाब से उन्हें पद देना होगा। वहीं पंकज संघवी और स्वप्निल कोठारी भी छोटे-मोटे पद से समझौता नहीं करेंगे। इसके साथ ही महू के पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार को भी उनके कद के हिसाब से ही संगठन में एडजस्ट करना होगा। इसके अलावा इंदौर में भी कांग्रेस के कई पूर्व पदाधिकारी और पूर्व पार्षदों की एक लंबी फेहरिस्त है, जिन्हें संगठन में पद देना पड़ेंगे।
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