मदन मोहन अवस्थी, जबलपुर। करीब तीन सौ दिन के अपने अध्यक्षीय कार्यकाल के बाद भी अपनी कार्यकारिणी का गठन न कर पाने की तोहमत झेल रहे कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी का संकट मंगलवार को समाप्त हो सकता है। खबर है कि आज शाम तक कार्यकारिणी की घोषणा की जा सकती है। शहर के कांग्रेस नेताओं में इस खबर से नई ऊर्जा का संचार हुआ है। गौरतलब है कि बहुत वक्त से कार्यकारिणी गठन पर काम चल रहा है, लेकिन बड़े नेताओं की एकराय न होने से कागजों पर कुछ भी फाइनल नहीं हो सका।
जबलपुर कांग्रेस का कितना वजन
दरअसल, कार्यकारिणी को लेकर इतने नाम भेजे जा चुके हैं और इतनी बार विचार-विमर्श हो चुका कि जबलपुर में कोई भी कांग्रेसी नेता ये दावा नहीं कर सकता कि कार्यकारिणी में उसका नाम जरूर होगा। हालाकि,सूत्रों का दावा है कि अक्टूबर के पहले हफ्ते से ही कवायद तेज हो गयी थी कि यही कवायद कार्यकारिणी में दिखाई देगी। उल्लेखनीय है कि जबलपुर कांग्रेस में तीन कांग्रेसी नेताओं का प्रभाव ज्यादा है। कार्यकारिणी में भी उन्हीं कांग्रेसियों को तवज्जो मिलेगी, जो इन तीनों क्षत्रपों के जरिए आगे बढ़ेगा। एक खबर यह भी है कि इन तीन में से किसकी कितनी चल रही है, ये भी तय नहीं है,क्योंकि कार्यकारिणी दिल्ली से फाइनल होगी।
सबको साधने का होगा प्रयास
एमपी कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल किए जाने वाले पदाधिकारियों की औसत उम्र 45 साल होगी यानी पीसीसी की टीम में 35 से 55 साल तक के नेताओं को मौका मिलेगा। टेक्नीक फ्रेंडली कार्यकर्ताओं को खास जिम्मेदारी दी जाएगी। कांग्रेस कार्यकारिणी को लेकर प्रदेश के नेताओं की रजामंदी के बाद दिल्ली में भी सहमति मिल गई है। कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर बनाए गए फॉर्मूले में अब सामान्य वर्ग के नेताओं को मात्र 30 फीसदी ही पद मिलेंगे। एसटी, एससी, ओबीसी और महिलाओं के लिए 70 प्रतिशत पद रिजर्व किए गए हैं। कमलनाथ की टीम की तुलना में पटवारी की कार्यकारिणी बहुत छोटी होगी। इस लिहाज से हर वर्ग के नेताओं पर मंथन करके नाम फाइनल किए गए हैं।
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