इन्दौर। यह पहला मौका है, जब मतगणना स्थल यानी स्टेडियम में एक तरह का सन्नाटा ही पसरा रहा। कांग्रेसी तो फटके ही नहीं और भाजपाई भी अनमने से बैठे रहे और जैसे ही देशभर के रुझान आना शुरू हुए तो स्टेडियम में मौजूद भाजपाइयों के चेहरे भी उतरने लगे। यहां तक कि दूसरी बार सांसद बने शंकर लालवानी के चेहरे पर भी अधिक खुशी नजर नहीं आई। स्टेडियम में सुबह अवश्य कुछ कांग्रेसी नजर आए, जो निर्दलीय उम्मीदवारों के एजेंट के रूप में पहुंचे, मगर वे भी थोड़ी देर के बाद निकल गए।
अलबत्ता भाजपा संगठन ने अवश्य जिम्मेदारी अपने मतगणना एजेंटों को दी और उसके चलते विधानसभा के मतगणना कक्षों में भाजपाई एजेंट मौजूद रहे, मगर उनकी भी विशेष रुचि इन्दौर के परिणामों में नहीं थी और बार-बार मीडिया सेंटर आकर देश के रुझानों की जानकारी लेने का प्रयास करते रहे। दोपहर 4 बजे जब मतगणना का कार्य संपन्न हुआ, तब विजेता प्रत्याशी शंकर लालवानी सहित अन्य बड़े भाजपा नेता स्टेडियम पहुंचे, मगर उनके चेहरों पर भी अधिक खुशी नजर नहीं आई, क्योंकि देशभर में भाजपा का प्रदर्शन उमीद के मुकाबले कमजोर रहा। यहां तक कि भाजपा ने जश्न की जोर-शोर से जो तैयारी की थी, उसमें भी उतना आनंद नहीं रहा, क्योंकि लगातार दावा तो 400 पार का किया गया, लेकिन बहुमत के भी लाले पड़ गए।
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