इंदौर। रविवार को इंदौर में बने पौधारोपण के रिकॉर्ड में कांग्रेस की सहभागिता दर्ज नहीं हो पाई। गांधी भवन में सहमति देने के बावजूद कांग्रेस के नेता पौधारोपण के लिए नहीं पहुंचे। इसके लिए उन्होंने एक नया बहाना भी ढूंढ लिया। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव शाम तक रेवती पहाड़ी पर इनका इंतजार करते रहे, लेकिन कमजोर दिल के कांग्रेसी शहर के हरियाली अभियान में भी राजनीति से बाज नहीं आए। शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा का कहना है कि हमें महापौर ने कहा था मैं आपको सूचित करूंगा कि पौधारोपण के लिए कौन सा स्थान आरक्षित रखा गया है और आपको कब पौधारोपण करना है, लेकिन उनकी कोई सूचना ही नहीं आई, इसलिए हम पौधारोपण के लिए नहीं पहुंचे। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इसे हास्यास्पद बताते हुए कहा कि हम तो कैलाशजी के नेतृत्व में उनके घर यानि गांधी भवन जाकर निमंत्रण देकर आए थे। हमारी पहल शहर हित में सबको साथ लेकर चलने और सामंजस्य के साथ काम करने की दिशा में थी। हमने तभी कहा था कि आपके लिए स्थान आरक्षित कर दिया गया है, आप जब वहां आएंगे, तब हम स्थान बता देंगे।
शनिवार को पत्रकारवार्ता में भी मंत्रीजी ने कहा था कि हमने कांग्रेस के साथियों को भी आमंत्रित किया है और उन्होंने आने की सहमति दी है। वे आएंगे तो हम उनका स्वागत भी करेंगे। इससे ज्यादा और क्या किया जा सकता है। इसके बावजूद यदि शहर कांग्रेस अध्यक्ष यह कह रहे हैं कि मैंने उन्हें सूचित नहीं किया तो इससे यह स्पष्ट होता है कि यह न आने का बहाना भर है। पौधारोपण के महाभियान में शहर की जनता की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ ही नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पिछले दिनों एक अच्छी पहल की थी। वे महापौर तथा पार्टी के अन्य नेताओं को लेकर शहर कांग्रेस के मुख्यालय गांधी भवन पहुंचे थे और कांग्रेस के नेताओं से आग्रह किया था कि वह भी इस महाभियान में शामिल होकर शहर में अच्छा संदेश दें। विजयवर्गीय के गांधी भवन पहुंचने से गदगद कांग्रेसियों ने तत्काल सहमति दे दी थी और कहा था कि हम सब पौधारोपण के लिए आएंगे। शहर अध्यक्ष ने तब यह भी कहा था कि पौधे लगाने के साथ-साथ उनके रखरखाव की व्यवस्था होना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक गांधी भवन में हुए इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस के ही कुछ नेताओं ने शहर कांग्रेस की सहमति पर नाराजगी जताते हुए भोपाल और दिल्ली तक अपनी बात पहुंचाई। इन नेताओं का कहना था कि शहर अध्यक्ष ने वरिष्ठ नेताओं को भरोसे में लिए बिना बाले-बाले यह निर्णय ले लिया। कुछ लोगों का यह भी कहना था कि विजयवर्गीय से अपने रिश्ते मजबूत करने के लिए चड्ढा ने ऐसा किया। पार्टी के धड़े का यह भी कहना था कि एक और तो हम भाजपा शासित चुनी हुई परिषद पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रहे हैं। दूसरी ओर उनके बुलावे पर पौधारोपण के लिए जाना उचित नहीं रहेगा।
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