भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने भाजपा को किसानों के मुद्दे पर घेरने की बड़ी योजना बनाई है। रणनीति के तहत बड़े भाजपा नेताओं को उनके राजनीतिक क्षेत्रों में जाकर ही घेरा जाएगा। कांग्रेस ने इसकी शुरुआत प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर गढ़ से कर दी है। कांग्रेस पार्टी के 2 बड़े नेता बीते 15 दिन में सीएम शिवराज के गढ़ में किसान आंदोलन कर चुके हैं। कांग्रेस नेता अरुण यादव दो बार और दिग्विजय सिंह एक बार मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में किसान सम्मेलन के जरिए मुख्यमंत्री की घेराबंदी करने की कोशिश में जुट गए हैं। पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर के अनुसार किसानों के मुद्दे पर अब कांग्रेस पार्टी सीएम के साथ सभी मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र में बड़े कार्यक्रम करेगी। बृजेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि मंत्रियों के क्षेत्र में किसान और जनता परेशान हैं और स्थानीय मुद्दों पर अब कांग्रेस पार्टी मंत्रियों को कटघरे में खड़ा करने का काम करेगी। वहीं पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि जहां-जहां से किसानों की मांग आएगी वहां पर कांग्रेस पार्टी के नेता पहुंचकर किसानों के साथ खड़े नजर आएंगे। चाहे वह किसी भी मंत्री या नेता का क्षेत्र हो। कांग्रेसी पूरी ताकत के साथ आंदोलन कर किसानों की आवाज उठाने का काम करेंगे।
कांग्रेस के आंदोलन पर भाजपा का तंज
कांग्रेस की ओर से मंत्रियों को घेरने की बात कही गई तो भाजपा ने उस पर तंज कसा है। बीजेपी के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज कांग्रेसी नेताओं की पहुंच से बाहर हो गए हैं। मुख्यमंत्री की नीति रीति ने उन्हें पॉपुलर बना दिया है और अब कांग्रेसी कितना भी दम लगा लें वह बेअसर साबित होने वाला है।
पहले भी विधानसभा क्षेत्रों में जाकर घेर चुकी है कांग्रेस
2018 के चुनाव में शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव लडऩे वाले कांग्रेस नेता अरुण यादव मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में दो बार पहुंच कर कॉन्ग्रेस और किसानों के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर चुके हैं। 15 जनवरी को दिग्विजय सिंह ने भी मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में ट्रैक्टर रैली निकालकर कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश की है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस का ये प्लान प्रदेश के मुखिया और उसके सहयोगी मंत्रियों के लिए कितनी परेशानियां बढ़ा सकता है।
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