भोपाल। जिस आदिवासी वोट बैंक के बलबुते 2018 में कांग्रेस सत्ता में आई थी, उस वर्ग को साधने के लिए कांग्रेस शहडोल से अभियान शुरू करने जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ 7 नवंबर को शहडोल दौरे में नगर पालिका अध्यक्ष के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के साथ ही पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे, रैली में शामिल होंगे और विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस जनसभा में शहडोल के साथ ही अनूपपुर, उमरिया व डिंडोरी जिलों के आदिवासी शामिल होंगे। प्रदेश की 22 फीसदी आबादी वाले आदिवासी समाज को साधने के लिए भाजपा और कांग्रेस के नेता कोई कोर-कसर नहीं छोडऩा चाहते हैं। इसकी वजह यह है कि आदिवासी वर्ग का प्रदेश की 80 विधानसभा सीटों पर प्रभाव है और 47 विधानसभा सीटें इनके लिए आरक्षित हैं। माना जाता है कि मप्र में जिस पार्टी को आदिवासी वर्ग का साथ मिलता है उसकी सरकार बन जाती है। इसलिए कांग्रेस इस बड़े वोट बैंक को साधने में जुटी हुई है।
जुटेंगे 4 जिलों के आदिवासी
प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मप्र कांग्रेस ने आदिवासी वोटरों को साधने की तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ 7 नवंबर को शहडोल दौरे पर जाएंगे। वे वहां नगर पालिका अध्यक्ष के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के साथ ही पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे रैली में शामिल होंगे और विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। शहडोल में विशाल जनसभा के जरिए कांग्रेस शहडोल के साथ ही अनूपपुर, उमरिया व डिंडोरी जिलों के आदिवासी वोटरों के बीच पार्टी के पक्ष में माहौल बनाएगी। शहडोल की जिला कांग्रेस कमेटी ने कमलनाथ के दौरे को सफल बनाने की तैयारी तेज कर दी है।
निकाय चुनाव की सफलता से उत्साहित कांग्रेसी
देखा जाए तो अभी हाल ही में जो निकाय चुनाव संपन्न हुए, उसमें सब की नजर शहडोल नगर पालिका चुनाव पर थी। जब चुनाव हुए तो शहडोल नगर पालिका के 39 वार्ड में भाजपा के जहां 18 पार्षद जीतने में कामयाब हुए तो कांग्रेस के 12 पार्षद ही जीतने में कामयाब रहे थे। इसके अलावा 9 पार्षद निर्दलीय जीत दर्ज करने में सफल हुए। आखिरी तक कयास लगाए जा रहे थे कि नगर पालिका का अध्यक्ष एक बार फिर से भाजपा बना लेगी, लेकिन कांग्रेस ने 12 पार्षद होने के बाद भी अपना अध्यक्ष बनाने में सफलता हासिल कर ली। ऐसा लगभग दो दशक बाद हुआ, जब शहडोल नगर पालिका में कांग्रेस का अध्यक्ष बना, इसलिए कांग्रेस के लिए यह जीत काफी मायने रखती है। जयसिंह नगर नगर परिषद में भी कांग्रेस अपना अध्यक्ष बनाने में सफल रही, जिससे पार्टी में खासा उत्साह है और वह इस जीत को विधानसभा चुनाव में दोहराने की तैयारी में जुट गई है। यही वजह है कि शहडोल में पीसीसी चीफ कमलनाथ का दौरा तय किया गया है।
शहडोल में भाजपा का दबदबा
शहडोल जिले के राजनीतिक समीकरण की बात करें, तो यह आदिवासी जिला है। यहां पर 3 विधानसभा सीटें हैं और तीनों सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं। वर्तमान में तीनों ही विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है। इन सीटों पर भाजपा का कब्जा कई वर्षों से लगातार बना हुआ है। आगामी चुनाव में कांग्रेस इन सीटों पर कब्जा करना चाहती है। यही वजह है कि शहडोल में पार्टी संगठन को मजबूत करने पर भी ध्यान दे रही है। शहडोल के जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष गुप्ता का कहना है कि शहडोल निकाय चुनाव में कांग्रेस को ऐतिहासिक सफलता मिली है। हमारी कोशिश है कि अगले विस चुनाव में जिले की तीनों सीटों पर कांग्रेस जीत दर्ज करे। हम पीसीसी चीफ कमलनाथ के दौरे को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी में जुटे हैं। उनके दौरे से शहडोल के साथ ही आसपास के जिलों में भी कांग्रेस को मजबूती मिलेगी।
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