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    नोटा पर बटन दबवाने के लिए घर-घर पहुंचेगी कांग्रेस

  • May 02, 2024

    • – सोशल मीडिया पर चलेगा आक्रामक कैंपेन
    • – गली-मोहल्ले में लगेंगे बैनर-पोस्टर और चौराहे पर होर्डिंग
    • – विधानसभा क्षेत्रवार रैली की तैयारी में जुटे कांग्रेस के दिग्गज

    इंदौर। पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार द्वारा नामांकन वापस लेने के बाद अब कांग्रेस ने नोटा के विकल्प को पूरी ताकत से जनता के सामने ले जाने का निर्णय लिया है। इसके लिए घर-घर संपर्क की तैयारी है। इसके लिए सोशल मीडिया पर आक्रामक कैंपेन के साथ ही विधानसभा क्षेत्रवार रैली भी निकली जाएगी। पिछले दो दिन में इंदौर में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की तीन बैठक इस बारे में हो चुकी है। बुधवार सुबह हुई बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा और शोभा ओझा के साथ ही कार्यकारी अध्यक्ष अमन बजाज, विपिन गंगवाल, शेख अलीम, राजू भदौरिया, संतोष गौतम तथा आईटी सेल के पदाधिकारी और सोशल मीडिया कैंपेन के एक्सपट्र्स की बैठक हुई। इसमें अलग-अलग स्तर पर चलाए जाने वाले कैंपेन पर विस्तार से बात हुई। लोगों को जिम्मेदारी भी सौंपी गई।

    शाम को शोभा ओझा के निवास पर वर्मा, अश्विन जोशी नगर अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा और पूर्व अध्यक्ष विनय बाकलीवाल फिर बैठे और आगे की रणनीति पर चर्चा हुई तो यह हुआ है कि सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर पार्टी नोटा में ज्यादा से ज्यादा वोट डलवाने के लिए एक कैंपेन चलाएगी। सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित करने के लिए पोस्टर-बैनर और होर्डिंग बनवाए जा रहे हैं। इन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में लगवाया जाएगा। जनता से नोटा में मतदान के लिए आग्रह से संबंधित जो प्रचार सामग्री बनवाई जा रही है, उसके कंटेंट के लिए कुछ विशेषज्ञों से भी मदद ली जाएगी। कांग्रेस की तैयारी नुक्कड़ सभाओं, विधानसभा क्षेत्रवार रैली और 10 तारीख के आसपास एक बड़ी रैली निकालने की भी है। पार्टी अपने बूथ सेक्टर और मंडलम स्टार के पदाधिकारी से भी बातचीत कर घर पहुंच अभियान प्रारंभ करेगी। इस अभियान के लिए पेम्फलेट विशेष तौर पर डिजाइन करवाए जा रहे हैं, जिसे घर-घर पहुंचाने की योजना है।


    कांग्रेस का प्रयास है कि शहर में जितने वोट हर लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिलते हैं, इसका एक बड़ा प्रतिशत नोटा में ही जाए। पार्टी के नेता यह भी मान रहे हैं कि कुछ लोग तो वोट डालने के लिए निकलेंगे ही नहीं और कुछ प्रतिशत वोट बैंक में भाजपा सेंध भी लगा सकती है। इसे रोकने की रणनीति पर भी विचार हुआ। गुरुवार को इस बारे में फिर एक बैठक होगी।

    गायब है जिला अध्यक्ष
    जिला कांग्रेस के अध्यक्ष सदाशिव यादव इन दोनों परिदृश्य से बाहर है। वे पिछले तीन-चार दिन से कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। पार्टी की बैठकों में उनकी अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी हुई है। ग्रामीण क्षेत्र के पार्टी के नेता ही अपने अध्यक्ष की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं।

    टंडन ने पल्ला झाड़ा पटवारी से कहा- अब आप ही देखो
    कांग्रेस के चुनाव संचालक प्रमोद टंडन ने भी चुनाव से पहले झाड़ लिया है। मंगलवार को हुई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की पत्रकारवार्ता में अपने साथ हुए व्यवहार से आहत टंडन वहां से चले गए थे। अगले दिन सुबह जब प्रदेश एवं शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने उनसे संपर्क किया और आगे की रणनीति पर बैठकर बात करने को कहा तो उन्होंने कहा कि अब यह काम आप ही लोग संभालो। मैं मदद नहीं कर पाऊंगा।

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