नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव (upcoming lok sabha elections) में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन (Samajwadi Party and Congress alliance) का बुधवार को आधिकारिक ऐलान किया गया. कांग्रेस और सपा गठबंधन के तहत कांग्रेस यूपी में 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. यूपी कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि इंडिया गठबंधन के तहत पूरे देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए और संविधान का सम्मान सुरक्षित रखने के लिए देश की सभी जिम्मेदार पार्टियों ने जो तय किया था. उसी के अगले कदम के रूप में सपा और कांग्रेस यूपी में सीटों के शेयरिंग को लेकर जो 80 लोकसभा सीटें हैं उस पर दोनों दलों के अध्यक्षों के कहने पर एक कमिटी स्थापित की गई, जिसके जरिए सभी पार्टियों को साथ लाकर बीजेपी का मुकाबला और कैसे उसे हरा सकते हैं उस पर तय किया गया.
उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि यूपी में आपसी समन्वय से फैसला लिया गया है कि कांग्रेस यूपी में 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और गठबंधन के तहत अन्य बची हुई 63 सीटों पर इंडिया गठबंधन के जो भी उम्मीदवार होंगे. लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की जिन 17 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी. उनमें रायबरेली, अमेठी, कानपुर नगर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी, देवरिया शामिल हैं.
सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि हमारे देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था और संविधान के स्वरूप को जो कमजोर करेगा, हम उसका डटकर मुकाबला करेंगे. लोकसभा चुनाव में कम समय है, ऐसे समय में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और सपा ने मिलकर गठबंधन तय किया है और इसके जरिए देश में बढ़ती हुई महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी, भ्रष्ट ताकतों को हम डटकर मुकाबला करेंगे.
उन्होंने कहा कि सपा सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने के लिए प्रयासरत रही है. हम मिलकर उन ताकतों का मुकाबला करेंगे, जो देश के लोकतांत्रिक स्वरूप को कमजोर कर रहे हैं. सपा और कांग्रेस ने तय किया है कि लोकसभा की 80 सीटों में कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लडे़गी और बाकी 63 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. मध्य प्रदेश चुनाव में सपा ने एक सीट खजुराहो पर चुनाव लड़ेगी. बाकी सीटों पर एमपी में कांगेस के उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे.
सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने कहा कि बीजेपी की वजह से लोकतंत्र खतरे में है, उसे बहाल करना है. हम मानते हैं कि इंडिया गठबंधन बीजेपी को सत्ता से बाहर फेंकने में सक्षम होगा. हम लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करेंगे. अभिव्यक्ति की आजादी को बहाल करने में सक्षम होंगे. बीजेपी ने जिस तरह से शासन किया है, वह जनता की आकांक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है. 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा, कांग्रेस और इंडिया गठबंधन मिलकर देश को बचाने के लिए आपके सामने उपस्थित हैं. हम दोहराते हैं कि हमें पूरा समर्थन मिलेगा.
यूपी में कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि हम एनडीए को मिलकर हराने के लिए तैयार है. हम सब एक दूसरे की ताकत बनेंगे. राहुल गांधी की यात्रा को जबरदस्त समर्थन मिला है, वाराणसी में राहुल गांधी विश्वनाथ मंदिर दर्शन करने गए. सरकार के दबाव में प्रशासन ने राहुल की वह तस्वीर जारी नहीं की, जिसमे वह गर्भगृह में थे, सीसीटीवी भी ऑफ कर दिया गया. यह सबसे बड़ी सुरक्षा की चूक है. इस तरह की जो सोच है इसे इंडिया पूरा नहीं होने देगा.
सूत्रों का कहना है कि अलायंस में जब सीट शेयरिंग पर बात बिगड़ते दिखी तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभाला. उन्होंने बातचीत की शुरुआत की. राहुल से बात करने के बाद अखिलेश यादव से बात की. उसके बाद कांग्रेस ने मुरादाबाद सीट की मांग छोड़ दी. कांग्रेस ने 2 बदलावों की मांग की. हाथरस में समाजवादी की वापसी के बजाय सीतापुर की सीट मांगी. श्रावस्ती को लेकर बुलंदशहर या मथुरा छोड़ने पर सहमति बनी. वाराणसी पर हालांकि सपा ने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. कांग्रेस ने सपा से उम्मीदवार वापस लेने का अनुरोध किया है.
बताते चलें कि 2017 में जब चुनाव हुए, तब यूपी की सत्ता में सपा थी और चुनाव के वक्त सपा-कांग्रेस में अलायंस हुआ था. उस समय चुनाव प्रचार में गठबंधन ने नारा दिया था- ‘यूपी को ये साथ पसंद है.’ तब दोनों ही दलों के नेता ‘यूपी के दो लड़के’ साथ आने का संदेश देते नजर आए थे. एक बार फिर दोनों ही पार्टियों के बीच अलायंस फाइनल हो गया है.
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