नई दिल्ली (New Delhi)। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस(opposition party congress) केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान(Minister Shivraj Singh Chouhan) के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव(A breach of privilege proposal) लाएगी। यह जानकारी कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला और दिग्विजय सिंह ने दी। कांग्रेस नेताओं ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार किसान विरोधी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ मोदी सरकार संसद में कहती है कि किसानों को लागत पर 50 प्रतिशत का मुनाफा देंगे लेकिन दूसरी तरफ स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को कूड़ेदान में डाल दिया है। कांग्रेस नेता ने ये भी कहा कि मोदी सरकार सदन को गुमराह कर रही है क्योंकि सदन में भले ही किसानों को लागत पर 50 फीसदी मुनाफे की बात करती है लेकिन सरकार ने 06 फरवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा कि किसान को लागत पर कभी भी 50 प्रतिशत मुनाफा नहीं दिया जा सकता है।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सिर्फ लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। उनकी सोच वास्तविकता में किसान विरोधी है। उन्होंने ये भी कहा कि कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का ट्रैक रिकॉर्ड रायसेन और मंदसौर में किसानों के खिलाफ दमनकारी रहा है। राज्यसभा सांसद और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि देश के कृषि मंत्री को झूठ बोलने की आदत है।
उन्होंने चौहान के इस दावे को खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सरकार ने किसानों को कोई कर्ज माफी नहीं दी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमलनाथ जी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने लगभग 37 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था। उन्होंने दावा किया कि तब शिवराज सरकार के कृषि मंत्री का बयान भी आया था कि कांग्रेस के समय किसानों का कर्ज माफ हुआ है लेकिन सदन में चौहान ने कहा कि कांग्रेस को जब मौका मिला, तब किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया। ये बिल्कुल झूठ है। इसका प्रमाण हमारे पास है।
दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह चौहान के उस दावे को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि दिग्विजय सिंह ने जब वर्ष 2003 में मुख्यमंत्री का पद छोड़ा था, तब मध्य प्रदेश में केवल साढ़े सात लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित थी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि वास्तव में 1997-98 में राज्य में 33 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित थी।
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