नई दिल्ली (New Delhi) । लगातार दो लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में शिकस्त खा चुकी कांग्रेस (Congress) आगामी चुनाव में कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है। पार्टी जहां इंडिया गठबंधन (india alliance) के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, वहीं कांग्रेस अपने सभी बड़े नेताओं को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। पार्टी की कोशिश है कि किसी भी तरह ज्यादा से ज्यादा सीटें जीती जाएं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे लगातार लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। पार्टी ने सभी लोकसभा सीट पर नियुक्त किए गए पर्यवेक्षकों की गुरुवार को बैठक भी बुलाई है। दूसरी तरफ, पार्टी ने इंडिया गठबंधन के घटकदलों के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा के साथ अपने संभावित उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया भी शुरु कर दी है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस अपने तमाम बड़े नेताओं को लोकसभा चुनाव में उतारने की तैयारी कर रही है। पार्टी अपने तमाम मौजूदा लोकसभा नेताओं को टिकट देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों, पूर्व केंद्रीय और पूर्व सांसदों को चुनाव मैदान में उतार सकती है। पार्टी ने कई वरिष्ठ नेताओं को चुनाव की तैयारी शुरु करने के भी संकेत दे दिए हैं।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कांग्रेस उन राज्यों पर विशेष ध्यान दे रही है, जहां वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पचास फीसदी से अधिक वोट मिले थे। पार्टी चुनाव रणनीतिकार सुनील कानुगोलू लोकसभा के लिए संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार कर रहे हैं। ताकि, जीत की अधिक संभावना वाले प्रत्याशियों को टिकट दिया जाए।
कांग्रेस रणनीतिकार मानते हैं कि बड़े नेताओं के चुनाव लड़ने से आसपास की लोकसभा सीट पर भी असर पड़ता है। ऐसे में पार्टी क्षेत्र और उसके आसपास की सीट के जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए संभावित उम्मीदवारों की सूची बना रही है। इंडिया गठबंधन के साथ सीट बंटवारा होने के बाद लगभग सभी सीट पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया जाएगा।
भाजपा को 50 फीसदी वोट
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को कई राज्यों में पचास फीसदी या उससे अधिक वोट मिले थे। इनमें दिल्ली में 57 फीसदी, झारखंड में 50 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश 51 फीसदी, कर्नाटक 51.5 प्रतिशत, गुजरात 62 फीसदी, हरियाणा 57 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश 69 फीसदी, मध्य प्रदेश 58, छत्तीसगढ में 51, राजस्थान 59 और उत्तराखंड में साठ फीसदी वोट मिले थे। पिछले वर्षों में कांग्रेस कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में अपनी सरकार बनाने में सफल रही है। वहीं, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने सत्ता संभाली है।
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