भोपाल। प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर एक दूसरे को घेरने में लगी बीजेपी और कांग्रेस अब सभी वर्गों को साधने की कोशिश में जुट गई हैं। कांग्रेस के लिए 2018 के चुनाव में रामबाण साबित हुआ किसान कर्ज माफी का मुद्दा उपचुनाव में भी बड़ा मुद्दा होगा। कांग्रेस पार्टी ने किसान कर्ज माफी के मुद्दे को एक बार फिर अपना वचन बताते हुए 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कैश कराने की तैयारी शुरू कर दी है।
इसकी जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी ने किसान कांग्रेस को सौंपी है। किसान कांग्रेस बूथ स्तर पर किसान सैनिक की नियुक्ति कर कर्ज माफी के मुद्दे पर बीजेपी के आरोपों का जवाब देने का काम करेगी। कांग्रेस पार्टी की कोशिश है की बूथ लेवल पर लोगों को पूर्व की कमलनाथ सरकार के किसान कर्ज माफी की जानकारी पहुंचाई जाए, ताकि बीजेपी द्वार फैलाए गए भ्रम को दूर किया जा सके।
कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि 24 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में कर्ज माफी का मुद्दा उसके लिए जीत की राह को आसान बना सकता है। इसके लिए किसान कांग्रेस ने बूथ स्तर तक किसान सैनिक की नियुक्ति करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। एमपी किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर के मुताबिक पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए बूथ स्तर पर किसान सैनिक के जरिए किसानों से जुड़े मुद्दों पर पूर्व की कांग्रेस सरकार के फैसलों की जानकारी और मौजूदा सरकार की नाकामियों को गिनाने का काम होगा।
धोखा देने का आरोप तेज कर दिया है
वहीं बीजेपी ने भी सूबे की सत्ता संभालते ही किसान कर्ज माफी के नाम पर कांग्रेस की पूर्व सरकार पर धोखा देने का आरोप तेज कर दिया है। प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल किसान कर्ज माफी में हुए गड़बडिय़ों की जांच की बात कर चुके हैं। इसको लेकर सरकार ने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का गठन भी किया है, जो कांग्रेस सरकार में हुई गड़बडिय़ों की जांच कर रहा है। बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है किसान कर्ज माफी किसानों के साथ धोखा साबित हुई है और अब यह उपचुनाव में काम नहीं करेगी। दरअसल, पूर्व की कमलनाथ सरकार ने इस बात का दावा किया था कि प्रदेश में 20 लाख से ज्यादा किसानों का कर्ज माफ हुआ है। दूसरे चरण में दो लाख तक तक किसानों का कर्ज माफ किया जाना प्रक्रिया में था लेकिन कांग्रेस की सरकार सत्ता से बेदखल हो गई। किसान कर्ज माफी का तीसरा चरण जून से शुरू होना था और कांग्रेस इस बात को लेकर दबाव बना रही है कि मौजूदा सरकार पिछली सरकार के कैबिनेट में हुए फैसले पर अमल कर किसान कर्ज माफी का तीसरा चरण शुरू करे। लेकिन योजना में गड़बड़ी का अंदेशा जताते हुए मौजूदा सरकार ने किसान कर्ज माफी योजना की जांच शुरू कर दी है। बहरहाल यह तय हो गया है के उपचुनाव में किसान कर्ज माफी फिर एक बार बड़ा मुद्दा होगा।
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