नई दिल्ली। कांग्रेस (congress) गुजरात विधानसभा चुनाव (gujarat assembly election) में भाजपा (BJP) से सीधा मुकाबला चाहती है। पार्टी की कोशिश है कि चुनाव प्रचार दोनों पार्टियों के इर्द गिर्द ही रहे। इसलिए, पार्टी चुनाव को 27 साल कांग्रेस बनाम 27 साल भाजपा बनाना चाहती है। ताकि, आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) को चुनाव में खुद को स्थापित करने की जगह नहीं मिल पाए।
गुजरात में कांग्रेस के सामने एक साथ दो चुनौतियां हैं। पहली चुनौती 27 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा को सत्ता से हटाना है, वहीं पार्टी अपने वोट बैंक को आम आदमी पार्टी की सेंध से बचाना चाहती है। क्योंकि, किसी भी राज्य में क्षेत्रीय पार्टी के उदय के बाद कांग्रेस के लिए लड़ाई और मुश्किल हो जाती है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, गुजरात में आम आदमी पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ती है, तो मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है। पार्टी को इससे नुकसान होगा। इसलिए, हमारी कोशिश है कि चुनाव कांग्रेस बनाम भाजपा हो। इसलिए, पार्टी भाजपा सरकार की 27 साल की विफलताओं को लोगों के बीच रखेगी।
गुजरात कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी कहते हैं कि पार्टी ने हर घर तक पहुंचने के लिए जनसंपर्क अभियान शुरु किया है। इस दौरान हम अपनी सरकारों के 27 साल के दौरान किए गए कामों को लोगों के बीच रख रहे हैं। इसकी पुस्तिका भी तैयार की जा रही है, ताकि, मतदाता कांग्रेस और भाजपा के काम में फर्क कर सके।
कांग्रेस का दावा है कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद गुजरात में कोई विकास नहीं हुआ है। मनीष दोशी कहते हैं कि भाजपा ने काम किया है, तो उसे ऐसी यात्रा निकालने की क्या जरूरत है। पार्टी भाजपा के दावों को बेनकाब करेगी। आदिवासियों के लिए विकास कार्यों के सरकार के दावों का पर्दाफाश करेंगे।
गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस टास्कफोर्स की बैठक में भी आम आदमी पार्टी पर चर्चा हुई। सूत्रों का कहना है कि टास्कफोर्स की राय थी कि गुजरात में आम आदमी पार्टी को आधार बनाने की जगह नहीं देनी चाहिए। पार्टी इसको केद्र में रखते हुए चुनाव रणनीति का खाका बना रही है।
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